आला हजरत दरगाह के सुन्नी मौलवियों के नए फतवे में कहा गया है कि इस्लामी कानून के मुताबिक हज जाने से पहले किसी व्यक्ति को अपने सारे कर्जे चुका देने चाहिए। मौलवियों ने यहां तक कहा है कि सरकार द्वारा लगाए गए सभी तरह के टैक्स भी कर्ज के दायरे में ही आते हैं और इसीलिए मुसलमानों को हज जाने से पहले उन्हें भी क्लियर करना चाहिए। इसमें हाउस और इनकम टैक्स भी आते हैं।
फतवा देने वाले मौलवी मुफ्ती मोहम्मद सलीम नूरी ने कहा, ‘इस्लामी कानून के मुताबिक हज जाने वाले शख्स को अपने सभी कर्जे चुका देने चाहिए। पैगम्बर मोहमम्द साहब ने कहा था कि जब कोई व्यक्ति हज पर जाता है तो वह अल्लाह से मिलने के लिए जाता है। इसलिए उस व्यक्ति पर किसी तरह का कर्ज नहीं होना चाहिए।’
नूरी कहते हैं, ‘इतना ही नहीं कर्ज और टैक्स चुकाने के बाद लोग घर में इतना पैसा जरूर छोड़ें कि उनके हज पर होने के दौरान घर में मौजूद बीवी और बच्चों को किसी तरह माली तंगी का सामना न करना पड़े।’