सिर्फ तीन महीने में फेसबुक ने बंद किये 583 मिलियन “फेक एकाउंट्स”

facebook clear to follow its policy otherwise leave facebook

साल 2018 के शुरुआती तीन महीनों में फेसबुक ने 583 मिलियन फेक एकाउंट्स को बंद कर दिया है. सोशल मीडिया दिग्गज ने मंगलवार को कहा कि यह फेक एकाउंट्स यौन या हिंसक तस्वीरों, आतंकवादी प्रचार या नफरत भाषण के खिलाफ “सामुदायिक मानकों” को बढ़ावा देते है.

खराम न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक, कैम्ब्रिज एनालिटिका डेटा गोपनीयता घोटाले के बाद पारदर्शिता के लिए बरकरार रखने को लेकर जवाब देते हुए, फेसबुक ने कहा कि प्राइवेसी के मुद्दों को मद्देनज़र रखते हुए सबसे पहले फेक एकाउंट्स ही बंद किये गये है. फेसबुक ने आगे कहा कि अभी भी कुछ एक्टिव यूजर्स में से 3-4 प्रतिशत की फेक प्रोफाइल है.

रिपोर्ट के मुताबिक, फसब्बोक ने लगभग 100 प्रतिशत स्पैम का पता लगाने और उसी अवधि में स्पैम को एकत्रित 837 मिलियन पोस्ट को हटाने का दावा किया है. मनी कण्ट्रोल डॉट कॉम के मुताबिक, फेसबुक ने इस साल की शुरुआत में यौन या हिंसक तस्वीरों, आतंकवादी प्रचार या नफरत भाषण वाले लगभग 30 मिलियन पोस्ट पर फेसबुक ने चेतावनी दी थी.

2017 के मुताबिक इस साल फेक एकाउंट्स के लिए बंद किये गये एकाउंट्स तीन गुना अधिक है. कोहराम न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक, फेसबुक आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस और बेहतर तकनीक का इस्तेमाल करके ग्राफिक हिंसा युक्त 3.4 मिलियन पोस्ट को फेसबुक से हटाने में कामयाब रहा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि, फेसबुक यूजर तक डेटापूछने से पहले उसके दुरुपयोग की जांच कर लेता है. कंपनी ने कहा कि 85.6 प्रतिशत मामलों में फेसबुक ने यूजर्स के एक्टिव होने से पहले फोटोज में हिंसा का पतास लगाया जाता है. कंपनी ने कहा कि कंपनी ने 200 ऐप को अपने प्लेटफार्म पर निलंबित कर दिया था.

जनवरी से मार्च तक फेसबुक के दो अरब से अधिक यूजर्स द्वारा देखे गये कंटेंट का 0.22 और 0.27 प्रतिशत के बीच यह आंकड़ा दर्शाता है. रिपोर्ट में कहा गया है, “हर 10,000 कंटेंट (आर्टिकल) में, 22 से 27 %  ग्राफिक हिंसा शामिल है.” फेसबुक नियमों के उल्लंघन के जवाब में कंटेंट को हटाने की वजह से फेसबुक की पालिसी ने कई यूजर्स को परेशान किया है.

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