संस्कार और नारी सम्मान को शायद ही किसी पार्टी ने इतना बड़ा मुद्दा बनाया था. मगर आचरण और कथनी का फ़र्क़ बहुत हैरतअंगेज है. जम्मू की आठ साल की आसिफा का निरंतर कई दिनों...
2013 का अक्टूबर था वह। गुलमर्ग में पहली बार देखी उनकी खाली झोपड़ी। न कोई दरवाज़ा न सुरक्षा न मनुष्य। पता किया तो पता चला जम्मू और कश्मीर की घूमन्तु गूजर तथा बकरवाल जातियों...