दिल्ली के मटियाला से आम आदमी पार्टी के विधायक गुलाब सिंह को गिरफ्तार कर उसका अदालत से रिमांड मांगना दिल्ली पुलिस को भारी पढ़ गया. अदालत ने विधायक का रिमांड देने के बजाय दिल्ली पुलिस द्वारा की गई गिरफ़्तारी पर ही सवाल उठा दिए.
अदालत ने रिमांड देने से इंकार करते हुए कहा कि आरोपी एक सम्मानित व्यक्ति है. वो विधायक हैं और उनके भागने की कोई आशंका नहीं है. लिहाजा उन्हें एक दिन के लिए भी पुलिस रिमांड में भेजने का कोई कारण नहीं बनता. हालांकि अदालत ने विधायक को न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
इसके अलावा अदालत ने गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए पूछा कि पुलिस ने विधायक का सर्च वारंट लिया और जांच के जरूरी लैपटॉप और दूसरा सामान भी बरामद कर लिया है फिर भी पुलिस गैरजमानती वारंट लेकर गिरफ्तार करने गुजरात क्यों चली गई. जबकि विधायक ने लिखकर दिया था कि वे लौटकर पेश हो जाएंगे. उन्हें पकड़ने के लिए फ्लाइट लेकर गुजरात जाने की क्या जरूरत थी.
अदालत ने आगे कहा कि जांच अधिकारी के संज्ञान में था कि गुलाब सिंह आम आदमी पार्टी का गुजरात में चुनाव कार्य देख रहे थे और 16 अक्टूबर को रैली होनी थी. ऐसे में पुलिस का हवाई जहाज से गुजरात जाना, रैली से पहले उसे उसे दिल्ली लाने का कारण पुलिस को ही पता होगा. पुलिस का ये व्यवहार काफी कुछ बोलता है.