कानून-व्यवस्था के सुधार के नाम पर उत्तरप्रदेश में पुलिस एनकाउंटर का दौर जारी है। इस बीच यूपी पुलिस का एक विडियो सामने आया है। जिसमे पुलिसकर्मी के पैसों के बलदे किसी भी बेगुनाह की जान लेने के लिए राजी है।
न्यूज चैनल ‘इंडिया टुडे’ के स्टिंग ऑपरेशन में आगरा के बसई जगनेर थाने के कोतवाल जगदंबा प्रसाद, दारोगा बलवीर सिंह और आगरा के ही चित्राहाट थाने में तैनात दारोगा सर्वेश सिंह ने पैसे के बदले एक व्यक्ति को बैंक लुटपाट का आरोप लगाकर फर्जी एनकाउंटर करने और स्मैक का फर्जी कैस लगाकर जेल भेजने की हां भरते है। इसके लिए बकायदा कीमत 5-6 लाख रुपये तय होती है।
हालांकि तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने तीन आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने के साथ ही मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं आगरा के एसएसपी अमित पाठक ने इस मामले में कहा है कि, ‘पुलिस फोर्स में कोई भी अपने निहित स्वार्थ के लिए झूठे मामलों में निर्दोष नागरिकों को फंसाता है तो उसके साथ सख्ती से पेश आना चाहिए।’
आज एक TV चैनल पर प्रसारित खबर जिसमें जनपद आगरा के एक निरीक्षक व दो उप निरीक्षकों द्वारा पुलिस मुठभेड़ के संबंध में अनर्गल वक्तव्य दिया गया। इस संबंध में SSP Agra @amitpathak09 द्वारा तत्काल प्रभाव से तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। @dgpup @IndiaToday @Uppolice pic.twitter.com/TUC69rnf0R
— AGRA POLICE (@agrapolice) August 6, 2018
बता दें कि योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान मुठभेड़ों में मरने वालों का आंकड़ा 60 से ऊपर पहुंच गया है। आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से की गई करीब 1500 मुठभेड़ों में 400 के आसपास लोग घायल हुए हैं।