लखनऊ: राजधानी में दिनदहाड़े हुई बड़े हिंदूवादी नेता रंजीत बच्चन की हत्या के मामले में पुलिस ने गुरुवार को रंजीत बच्चन की दूसरी पत्नी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने दावा किया कि 40 वर्षीय रंजीत की हत्या की योजना उसकी दूसरी पत्नी ने बनाई थी। रंजीत की पत्नी का कथित तौर पर एक्सट्रा मैरिटल अफेयर था और वह किसी अन्य से शादी करना चाहती थी।
जानकारी के अनुसार, रणजीत बच्चन ने दो शादियां की थी। पहली शादी गोरखपुर के कालिंदी शर्मा से और दूसरी शादी लखनऊ की स्वाति बच्चन से की थी। दोनों के एक-एक बच्चे हैं। दोनों पत्नियां लखनऊ में अलग-अलग जगहों पर रहती थीं। इसके अलावा साल 2017 में रंजीत बच्चन की साली ने उस पर रेप का आरोप लगाया भी था। इस मामले में धारा 376 भी रंजीत के खिलाफ लगा था। जिसके बाद से पुलिस की फाइलों में रंजीत फरार घोषित था।
रंजीत की पहली पत्नी कालिंदी के घरवालों का मानना है कि स्मृति उनकी दूसरी पत्नी नहीं बल्कि रंजीत की प्रेमिका है। ससुराल वालों के मुताबिक रंजीत एक ही घर में पत्नी और प्रेमिका दोनों को रखते थे। इतना ही नहीं रंजीत की पत्नी ने आरोप लगाया था कि साइकिल यात्रा के दौरान रंजीत का अपनी सहयोगी से अवैध संबंध रहा था।
वहीं हत्या के बाद रंजीत बच्चन की पहली पत्नी ने ‘मुसलमानों’ पर अपने पति की हत्या का आरोप लगाया था। हालांकि पुलिस ने इस हत्या के पीछे किसी भी आतंकी कनेक्शन को खारिज कर दिया और दावा किया कि हत्या के पीछे का मकसद उसके परम वर्मा के साथ स्मृति का कथित संबंध था। उन्होंने कहा कि दोनों ने कथित तौर पर साजिश रची थी क्योंकि रणजीत स्मृति को छोड़ने के लिए तैयार नहीं था।
लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे ने मीडिया को बताया कि पुलिस ने गुरुवार को लखनऊ के विकास नगर कॉलोनी से स्मृति, मोहनलालगंज एरिया से गौतम और यूपी-बिहार के बार्डर से वर्मा को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि जितेंद्र की गिरफ्तारी में मदद करने वाले के लिए 50,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था। पुलिस ने बताया कि वर्मा साजिश के मुख्य साजिशकर्ता और स्मृति हिस्सा थे। गौतम अपराध के दौरान इस्तेमाल किया गया गाड़ी चला रहा था।
रविवार की सुबह रंजीत अपने चचेरे भाई आदित्य श्रीवास्तव के साथ सुबह की सैर पर गए थे। इस दौरान हमलावरों ने उन्हें रोका और गोलियां चला दीं। एक गोली रंजीत के चेहरे पर लगी, जबकि आदित्य के बाएं हाथ में गोली लगी। पुलिस ने शुरू में कहा था कि हमलावर मोबाइल फोन छीनना चाहते थे।