उत्तर प्रदेश पुलिस इन दिनों सोशल मीडिया के जरिए राज्य की जनता को दी गई सेवाओं का का गुणगान कर रही है. तो वहीँ यूपी पुलिस को राज्य के मुखिया की वजह से शर्मिंदा भी होना पड़ रहा है.
दरअसल, यूपी पुलिस के सोशल मीडिया प्रभारी राहुल श्रीवास्तव ने ट्विटर पर आंकड़े जारी कर बताया कि पिछले साल वर्ष 2017 में सवा दो लाख से अधिक लोगों ने ट्विटर के जरिये पुलिस में शिकायत की. इनमें 79,761 शिकायतों को कार्रवाई योग्य पाया गया और 72 हजार यानी 92 प्रतिशत शिकायतों का निपटारा किया गया.
उन्होंने बताया, मारपीट, इसके अलावा अभद्रता और भ्रष्टाचार की शिकायतों पर 90 पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया. साथ ही 22 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर कर दिए गए और 18 पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई.
न कागज, ना थाना
पड़ गया ट्वीट पे जेल जाना।@moradabadpolice@PMOIndia @CMOfficeUP @UPGovt @TwitterIndia pic.twitter.com/kE1PDIZYG7— UP POLICE (@Uppolice) January 7, 2018
इस सबंध में यूपी पुलिस ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “न कागज, ना थाना, पड़ गया ट्वीट पे जेल जाना.” इस ट्वीट के जवाब में अभय गुप्ता नाम के एक यूजर ने लिखा, “एक ऐसा व्यक्ति है जो अपने और अपने साथियों के खिलाफ 22 साल पुराने मामले को वापस लेने के लिए अपनी शक्ति का उपयोग कर रहा है. क्या आप इससे मेरी सहायता कर सकते हैं?”
Please tell a brief description of your problem.
— UP POLICE (@Uppolice) January 7, 2018
अभय गुप्ता को फौरन जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने मामले की पुरी जानकारी मांगी. यूपी पुलिस ने ट्वीट करके कहा, “कृपया अपनी समस्या का एक संक्षिप्त विवरण बताइए.” इसके बाद गुप्ता ने यूपी पुलिस को उस खबर का लिंक ट्वीट किया, जिसमें पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं के खिलाफ चल रहे 22 साल पुराने मुकदमों को रद्द करने का आदेश जारी किया था. राज्य के मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत पर यूपी पुलिस शांत हो गई और कोई जवाब नहीं दिया.
https://t.co/ip6uGr5Qt3
Here are the details of it
This person @myogiadityanath got some power few months back to help citizens of UP. But instead he used it to withdraw cases against him.@Memeghnad @kunalkamra88 see UP POLICE will solve this case and protect law system.— Abhay Gupta (@SimplyAbhay) January 7, 2018
ध्यान रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य समेत कई राजनेताओं के खिलाफ 20 हजार से ज्यादा मुकदमे दर्ज है. जिन्हें राजनीतिक मुकदमे का नाम देकर योगी सरकार ने वापस लेने की कवायद शुरू कर दी है.
इस सबंध में 21 दिसंबर को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उत्तर प्रदेश दंड विधि (अपराधों का शमन और विचारणों का उपशमन) (संशोधन) विधेयक, 2017 विधेयक पेश हुआ था. अब शासन की तरफ से जिला प्रशासन को मुकदमे वापसी के लिए पत्र भेजा गया है.