उत्तराखंड के मदरसों ने राज्य की बीजेपी सरकार के उस विवादास्पद आदेश को मानने से इनकार कर दिया है, जिसमें सभी शैक्षणिक संस्थानों के परिसर में पीएम नरेंद्र मोदी तस्वीर लगाने को आदेशित किया गया. जिसमे मदरसे भी शामिल है.
इस मामले में अब उतराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का बेहूदा बयान सामने आया है. उनका कहना है कि मदरसों की ओर से इनकार के दो दिन बाद रावत ने कहा कि मदरसों की ओर से इस तरह का रवैया दिखाना सही नहीं है. दरअसल वे चाहते है कि मुसलमान इस्लामिक नियमों को उल्लंघन कर मोदी की तस्वीर लगाए.
रावत ने कहा कि, ‘राज्य सरकारों की ओर से अनुदान हासिल करने वाले मदरसों को पीएम मोदी की तस्वीर लगाने के निर्देश का पालन करना चाहिए.’ इस मामले में आगे बोलते हुए सीएम ने कहा कि मदरसे भी दूसरे शिक्षण संस्थानों की तरह ही हैं, ये आदेश सभी पर लागू होता है.
नवभारत टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सीएम रावत ने कहा कि, ‘आखिर मदरसे भी अन्य शिक्षण संस्थानों की तरह ही हैं, जिन पर यह आदेश लागू होता है. उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है, जब उन्हें अपने परंपरागत दृष्टिकोण में बदलाव करना चाहिए.’
NBT के मुताबिक रावत की इस टिप्पणी पर देहरादून स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया मदरसे के फतेह आलिम ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी की मदरसों को अपने परंपरागत दृष्टिकोण को छोड़कर अन्य शैक्षणिक संस्थाओं की तरह काम करना चाहिए, उनका निजी विचार हो सकता है. मेरा मानना है कि इस मसले पर बरेली के मौलवियों से चर्चा की जानी चाहिए और उसके बाद ही कोई राय कायम की जा सकती है.’