उर्से कासमी में अब्दुल कय्युम ने जीता मुकाबला-ए-किरत, करेंगे ईनाम के तौर पर उमरा

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विश्व प्रसिद्ध दरगाह मारहरा शरीफ में उर्से कासमी के मौके पर हुए मुकाबला-ए-किरत में आजमगढ़ के मदरसा जामिया अशरफिया के अब्दुल कय्युम ने अपनी खूबसूरत किरत से उमरा करने का पहला खिताब अपने नाम कर लिया. दुसरे स्थान पर मदरसा अहसनुल बरकात के कमाल बरकाती रहे और तीसरा स्थान मदरसा दारूल अलूम मीनाइया गौंडा के अयाज अहमद को मिला हैं.

पहला इनाम जीतने वाले जामिया अशरफिया के अब्दुल कय्युम को उमरा करने का शरफ़ हासिल होगा वहीँ दुसरे स्थान पर आने वाले अहसनुल बरकात के कमाल बरकाती ईराक के बगदाद शरीफ में सुलतानुल औलिया हजरत अब्दुल कादिर जिलानी (रह.) के दरबार में हाजिरी देने का शरफ पायेंगे वहीँ तीसरे स्थान पर आये दारूल अलूम मीनाइया गौंडा के अयाज अहमद सुल्तानुल हिन्द हजरत ख्वाजा गरीब नवाज के दरबार जियारत करने का शरफ़ हासिल करेंगे.

इस मौके पर साहिबे सज्जादा प्रोफेसर सैयद अमीन मियां बरकाती ने कहा कि हमें इस्लाम के बताए रास्ते पर चलना चाहिए. गरीब, बेबस और बेसहाराओं की मदद करनी चाहिए. वहीँ सज्जादा नशीन सैयद नजीब हैदर नूरी बरकाती ने कहा कि चाहे अपने खाने, पहनने में कटौती करें, लेकिन बच्चों को तालीम जरूर दिलाएं.

इस दौरान प्रख्यात कलमकारों और विद्वानों का सेमीनार हुआ भी हुआ. लाना आजाद ओपन यूनीवर्सिटी के प्रो. सैयद अलीम अशरफ जायसी ने हिन्दुस्तान और इससे बाहर अहले सुन्नत वल जमात का प्रतिनिधित्व तहरीर के हवाले से कैसा हो, इस पर रोशनी डाली.

अलीगढ़ यूनीवर्सिटी के उर्दू प्रवक्ता कमरूल उदा फरीदी ने धार्मिक लेख कार्यों को अवाम तक पहुंचाने के तरीकों पर चर्चा की। कोलकाता यूनीवर्सिटी के डा. सज्जाद आलम मिस्बाही ने धार्मिक एंव सामाजिक लेखन के महत्व को बताया.

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