लखनऊ. उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन परिषदीय स्कूलों में कार्यरत फर्जी शिक्षकों को बारे में एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने बड़ा खुलासा किया है। ये खुलासा अनामिका शुक्ला केस (AnamikA shukla Case) के सामने आने के बाद हुआ है।
न्यज़ 18 के अनुसार, अमिताभ यश ने बताया कि इस फर्जीवाड़े की जांच एसटीएफ कर रही है। अब तक के खुलासे में फर्जी डिग्री, मार्कशीट व सर्टिफिकेट्स के साथ ही फर्जी पैन का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक कि जांच में जो बात पता चली है, उसमें यह तथ्य सामने आये हैं कि बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। कुछ लोगों ने गिरफ़्तारी के बाद भी अपने पैन को बदला है। अब इसमें इनकम टैक्स विभाग से भी मदद ली जा रही है।
अमिताभ यश ने बताया कि पैनकार्ड बदलवाने वाले शिक्षकों की जांच अब एसटीएफ ने शुरू कर दी है। फर्ज़ी मार्कशीट, सर्टिफिकेट से नौकरी करने वालों ने असली व्यक्ति के पैन नंबर का भी इस्तेमाल किया। असली मार्कशीट, सर्टिफिकेट, पैनकार्ड वाले व्यक्ति के पास अब इनकम टैक्स का नोटिस भी पहुंच चुका है। बेसिक शिक्षा विभाग से पैन बदलवाने वाले शिक्षकों की लिस्ट मांगी गई है। कुछ शिक्षकों के पैनकार्ड टाइपिंग की गलती से बदले हो सकते हैं। लेकिन अब तक की जांच में यह पता चला है कि हज़ारों की संख्या में ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने पैन बदला।
अमिताभ यश ने बताया कि एसटीएफ ने इस बात की जांच की थी कि जिनके पास फेक मार्कशीट थी। जब यह बात जब मीडिया में आई तो फर्जी शिक्षकों ने अपना पैन बदल दिया, लेकिन जब इनकम टैक्स का नोटिस ओरिजिनल व्यक्ति के पास पहुंचा तो मामला खुलकर सामने आया। ऐसा हो सकता है कि कुछ लोगों के नाम के साथ प्रिंटिंग मिस्टेक हो, लेकिन ऐसे शिक्षकों की संख्या बहुत कम है। फर्जी शिक्षकों को संख्या ठीक ठाक है। उनकी संख्या हजारों में हैं। अब एसटीएफ ने उन सभी टीचर्स की लिस्ट मांगी है जिनके पैन एक जैसे हैं।
बता दें कि 3,342 शिक्षक ऐसे मिले हैं, जो एक ही पैन कार्ड पर वेतन ले रहे थे। वहीं, 100 से अधिक ऐसे प्रकरण भी हैं, जिसमें दो शिक्षकों का वेतन एक बैंक खाते में जा रहा है।