देश में नोटबंदी से जुडी अलग-अलग खबरे मिल रही हैं. लेकिन कानपुर में नोटबंदी से जुड़ा एक अलग ही मामला पेश आया हैं.
बाबूपुरवा क्षेत्र के मुंशीपुरवा निवासी एक व्यापारी की बेटी का निकाह इलाहाबाद के अहल्दाबाद निवासी युवक से तय हुआ था. बुधवार को दोनों और से रिश्तेदार ख़ुशी-ख़ुशी निकाह में शरीक हुए. लेकिन गुरुवार को दुल्हे ने कम दहेज़ की शिकायत करते हुए बाइक और पैसों की मांग कर दी. जैस-तैसे दुल्हे को मना कर बारात को विदा किया गया.
लेकिन दुल्हन ससुराल भी नहीं पहुंची थी कि बीच रास्ते में ही दुल्हे ने कम दहेज़ को लेकर दुल्हन को ससुराल पहुँच कर देख लेने की धमकी दी. दूल्हे की सारी करतूतों की खबर दुल्हन ने अपने परिजनों को फोन करके दे दी. इस पर दुल्हन के परिजन मौके पर पहुँच कर दुलहन और ससुराल पक्ष वालो को वापस घर ले आये.
दोनों पक्षों में कई घंटों की बातचीत और मनाने के बाद भी दूल्हा बिना दहेज़ के दुल्हन को ले जाने के लिए तैयार नहीं हुआ. अंत में दोनों पक्षों की रजामंदी के बाद मौलवी की मौजूदगी में दुल्हन को तलाक दे दिया. तलाक होने के बाद दुल्हन ने मेहर के रुपये मांगे तो दुल्हे के पक्ष ने तीन लाख रुपये दुल्हन पक्ष को दे दिए गए. ये सभी नोट पांच सौ पुराने नोट में थे.
इस पर दुल्हन पक्ष भड़क गया. उन्होंने दूल्हे के साथ ही परिवारीजन को बंधक बना लिया और नए नोट की मांग की. आखिरकार वर पक्ष ने लिखित में स्वीकार किया कि वे बाद में नए नोट वधू पक्ष को देंगे.