राजस्थान के बूँदी ज़िले में स्थित बाबा मीरा साहब की पहाड़ी पर दरगाह के करीब कुछ दिनों पहले रखी गई मूर्ति के पूजन को लेकर तनाव चल रहा है. नववर्ष के मौके पर प्रशासन की और से पूजन से रोके जाने पर आज भगवा संगठनो ने बूंदी और हिंडौली कस्बा जबरदस्ती बंद कराया.
भगवा संगठनो के इस कदम के बाद तनाव गहराने की वजह से ऐहतियात के तौर पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. इलाके में तीन दिन पहले से ही धारा 144 लागू है. लेकिन अब इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं. साथ ही विवाद को बढ़ता देख दोपहर के बाद कोटा के IG विशाल बसंल भी बूंदी पहुंच गए.
ये है मामला:
बून्दी शहर की ऐतिहासिक दरगाह जिसे हज़रत बाबा मीरा साहब (रह.) के नाम से जाना जाता है. ये दरगाह तारागढ़ के नाम से भी प्रसिद्ध हैं. यह दरगाह बून्दी में तीन पहाड़ियों में से एक पहाड़ी जो सबसे ऊंची औऱ बड़े क्षेत्रफल में फैली हुई है. साथ ही रास्ते में भी एक दरगाह है. जो हज़रत बाबा दूल्हे साहब (रह.) की हैं.
दरगाह के मैन गेट रोड़ पर छोटी ईदगाह स्थित है. जहाँ से दरगाह जाने के लिए 15 फिट का छोड़ा रास्ता भी बना हुआ है. यहाँ पर पुरातात्विक काल से एक छतरी थी जो 1917 में तेज़ अंधी-तूफ़ान के चलते गिर गई और जमीन में धंस गई. जिसको बूंदीवासी और प्रशासन भी भूल गया था.
कथित तौर पर बीते 27 अप्रैल, 2017 को टाइगर हिल की आड़ में विशव हिन्दू परिषद, शिव सेना औऱ बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने छतरी की जगह पर अवैध तरीके से हनुमान की मूर्ति रख दी. प्रशासन ने दबाव के चलते बाद में यहाँ ले चबूतरे का निर्माण करा दिया.
इसी बीच भगवा संगठनों ने नव वर्ष के मौके पर 1 जनवरी को पूजन कार्यक्रम का ऐलान किया. भगवा संगठनों का दावा है कि पुराने जमाने में मानधाता छतरी में देव प्रतिमाएं स्थापित थीं, पुजारी और आम नागरिक पूजा करते थे. हालांकि प्रशासन ने इस पूजन क इजाजत नहीं दी.
बावजूद इसके 1 जनवरी को पूजन के लिए बड़ी संख्या में भगवा कार्यकर्त्ता शहर के मीरा गेट पर जमा हो गए. जब पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की तो पथराव शुरू कर दिया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की नाकाम कोशिश की. जब उन पर काबू नहीं पाया जा सका, तो पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा.
वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि समूची बूंदी पुलिस को शांति व सौहार्द बनाए रखने के लिए उतार दिया गया है. उन्होंने कहा कि हालात तनावपूर्ण हैं और पुलिस चौकन्नी है. प्रशासन ने शहर के संवेदनशील इलाकों की निगरानी के लिए ड्रोन की मदद ली है.