केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए ट्रिपल तलाक बिल के खिलाफ एक तरफ मुस्लिम महिलाएं पुरे देश में प्रदर्शन कर रही है तो वहीँ अब शिया धर्मगुरुओं ने भी बिल को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ मौर्चा खोल दिया है.
यूपी प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार का ये फैलसा शरियत में दखलंदाजी करने वाला फैसला है. मीडिया से बात करते हुए शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव मौलाना सैय्यद अली हुसैन ने बताया कि भारत के संविधान में सभी धर्मों के लोगों को अपने अपने धर्मों के हिसाब से धर्म पालन की आजादी दी गई है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन तलाक बिल पर बिना किसी मुस्लिम धर्मगुरु से सलाह मशवरा किए बगैर लोकसभा में पास कर दिया जिसका मुस्लिम समाज खंडन करता है.
वहीँ शिया पर्सनल ला बोर्ड के सचिव मौलाना कुम्मी ने बताया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड केंद्र सरकार के तीन तलाक पर लिए गए स्टैंड का विरोध करता है और शिया पर्सनल लॉ बोर्ड भी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के फैसले के साथ है. उन्होंने कहा कि तीन तलाक के मौजूदा तरीके में कुछ खामियां जरूर है. मगर उसके लिए सरकारी दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मुस्लिम समाज शरीयत के हिसाब से इसमें परिवर्तन करेगा.
इसी के साथ ये भी ऐलान किया गया कि लाखों की तादाद में मुस्लिम महिलाएं लखनऊ के टीले वाली मस्जिद में कल प्रदर्शन करेंगी और केंद्र सरकार के ट्रिपल तलाक बिल का विरोध करेगी.