गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर उपचुनाव में मिली बीजेपी को करारी हार से उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबक ले लिया है. दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्हें किसी भी धार्मिक स्थल पर जाने में कोई आपत्ति नहीं है। अगर बुलाया जाएगा, तो वे मस्जिद में भी जाएंगे.
एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि वे प्रदेश की 22 करोड़ जनता के सीएम हैं. ‘मेरी व्यक्तिगत आस्था है. मैं हिन्दू हूं और मुझे इस पर गर्व है. मैं पाखंड नहीं कर सकता कि अंदर हनुमान चालीसा पढ़ूं और बाहर टोपी पहनूं.’ मुस्लिमों की सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा ‘मुसलमान बीजेपी के शासन में खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. किसी को भी डरने की कोई जरूरत नहीं. यूपी में अब कानून का राज है. हम वोट बैंक की राजनीति नहीं करते हैं.’
बता दें कि बीते दिनों विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी हिन्दू पहचान का हवाला देते हुए कहा था कि ‘मैंने तब भी कहा था और आज भी गर्व के साथ कहता हूं कि मैं हिंदू हूं. मैं ईद नहीं मनाता लेकिन, अगर कोई अपना त्योहार मनाएगा तो सरकार उसमें सहयोग करेगी और साथ ही सुरक्षा भी देगी.’
सपा-बसपा गठबंधन पर उन्होंने कहा कि एक साथ आना ही उनकी पराजय है. हमारे लिए यह अच्छा है कि दोनों से अलग-अलग उनसे निपटना पड़ता था, एक साथ निपट लेंगे. एक तीसरा रह गया है वह भी साथ आ जाते तो इन सबके सारे बहाने खत्म हो जाते. केर-बेर, सांप-छछूदंर इसलिए कहा कि यह सौदेबाजी वाला साथ है. भाजपा में जो लोग आए वह पूरी तरह शामिल हुए. सपा-बसपा-कांग्रेस आपस में विलय करें तब तो माना जाए. गठबंधन नहीं करेंगे, विलय नहीं करेंगे केवल सहयोग करेंगे.
वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी के इस बयान पर कि मैं हिंदू हूं और मुझे इस पर गर्व है, पर उन्होंने कहा, अखिलेश यादव का खुद को हिन्दू बताना और राहुल गांधी का मंदिर जाना यह हमारी वैचारिक जीत है. कम से कम वे खुद को हिन्दू तो मानने लगे. अखिलेश ने इससे पहले तो यह कभी नहीं बताया कि वे हनुमान चालीसा पढ़ते हैं.