श्रीनगर: घाटी में सुरक्षा बलों द्वारा नागरिकों की हत्याओं के खिलाफ एक कश्मीरी पंडित संगठन ‘जम्मू और कश्मीर पुनर्पक्षता मोर्चा’ ने श्रीनगर में एक दिन की भूख हड़ताल की.
फ्रंट के अध्यक्ष डॉ. संदीप मावा के अनुसार, हडताल का मकसद कश्मीर के मुस्लिमों के साथ एकजुटता व्यक्त करना और कश्मीर विवाद को सुलझाने के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों से आग्रह करना था.
स्थानीय दैनिक कश्मीर अखबार पारवा से बात करते हुए उन्होंने कहा, “पिछले 28 वर्षों में जम्मू और कश्मीर को बहुत नुकसान हुआ है. मैं समझता हूं कि निहित स्वार्थों के कारण मौत और विनाश बहुत हो चुके हैं लेकिन मैं सिविल सोसायटी और बुद्धिजीवियों के आपराधिक मौन के बारे में अधिक चिंतित हूं.
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि कब तक हम भुगतना होगा. बहुत हो चूका है. अब हिन्दू समुदाय को भी इस तरह खामोश नहीं बैठे रहना चाहिए. यहाँ यह उल्लेख करना उचित है कि संघर्ष के पिछले तीन दशकों में घाटी में हजारों नागरिको की भी मौतें हुई हैं.
जम्मू और कश्मीर गठबंधन की सिविल सोसाइटी के मुताबिक 70 हजार से ज्यादा हत्याएं हुई हैं, 8000 से अधिक लोग गायब है. आतंकवाद और भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा यौन हिंसा की घटनाओं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.