लखनऊ. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिं*सा के आरोपियों से वसूली वाले पोस्टर-बैनर को कोर्ट के फैसले के बाद भी योगी सरकार ने नहीं हटाया है। ऐसे में अब इस पर राजनीति शुरू हो गई है।
दरअसल इन होर्डिंग्स के पास ही गुरुवार रात सपा नेता आईपी सिंह ने दुष्कर्म मामले में दोषी भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और एक अन्य दुष्कर्म मामले में ही आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद की फोटो वाले बैनर लगवा दिये। हालांकि, पुलिस ने शक्रवार सुबह तक सभी बैनर पोस्टरों को हटा दिया।
अब जैसे को तैसा कंचन जी। पूरा देश अगर योगी जी के दिखाए रास्ते पर चल कर एक एक व्यक्ति को ‘नेम एंड शेम’ करने पर आ गया तो भाजपा का कोई भी नेता नहीं बचेगा। और ज्ञान तो भाजपा ने ही दिया है ‘अपराधियों की कोई निजता नहीं होती’। https://t.co/iCxaozsABh
— I.P. Singh (@IPSinghSp) March 13, 2020
आईपी सिंह ने पोस्टर को ट्वीट भी किया और लिखा कि जब कानून और आदेश का पालन सरकार नहीं कर रही तो वो भी होर्डिंग लगा रहे हैं। कुलदीप सिंह सेंगेर और स्वामी चिन्मयानंद बीजेपी में थे, लेकिन मामला सामने आने के बाद पार्टी ने दोनों को निष्कासित कर दिया था।
जब प्रदर्शनकारियों की कोई निजता नहीं है और उच्चन्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी योगी सरकार होर्डिंग नहीं हटा रही है तो ये लीजिए फिर। लोहिया चौराहे पर मैंने भी कुछ कोर्ट द्वारा नामित अपराधियों का पोस्टर जनहित में जारी कर दिया है, इनसे बेटियाँ सावधान रहें। pic.twitter.com/9AqGBxMoJR
— I.P. Singh (@IPSinghSp) March 12, 2020
सपा नेता आईपी सिंह ने कहा कि जब प्रदर्शनकारियों की कोई निजता नहीं है और हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी योगी सरकार होर्डिंग नहीं हटा रही है तो ये लीजिए फिर। लोहिया चौराहे पर मैंने भी कुछ कोर्ट द्वारा नामित अपराधियों का पोस्टर जनहित में जारी कर दिया है, इनसे बेटियां सावधान रहें।
ता दें कि योगी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के कथित सीएए दंगाईयों के पोस्टर लखनऊ की सड़कों से हटाए जाने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पोस्टर के हटाने के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की वेकेशन बेंच में इस मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने योगी सरकार से पूछा कि किस कानू्न के तहत आरोपियों के होर्डिंग्स लगाए गए। अब तक ऐसा कोई प्रावधान नहीं, जो इसकी इजाजत देता हो। इस मामले में अगले हफ्ते नई बेंच सुनवाई करेगी।