अब भगवा संगठनों ने विश्व प्रसिद्ध अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को भी बदनाम करने के लिए उटपटांग हथकंडे अपनाना शुरू कर दिया है. ताजा मामलें में अफवाह फैलाई जा रही है कि रमजान के महीने में गैर-मुस्लिमों छात्रों को भूखा रखा जा रहा है. उन्हें खाना नहीं दिया जा रहा हैं.
सोशल मीडिया पर संघियों ने अफवाह फैलाई कि उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले गैरमुस्लिम छात्रों को रमजान में कैंटीन में खाना नहीं मिल रहा. हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक प्रशांत पटेल नामक वकील ने सबसे पहले इस झूठी अफवाह को फैलाया.
आसिमा सिंह ने ट्वीटर पर लिखा है कि, ‘रमजान की वजह से हिन्दू छात्रों को ब्रेकफास्ट, लंच नहीं दिया जा रहा है। क्या आपने कहीं देखा है कि अल्पसंख्यक बहुसंख्यकों पर अपना मत थोपते आ रहे हो।’
NCERT Textbook glorifying Naxal leader & Naxalite ideology. AMU Non-Muslim students are not getting Lunch/Breakfast. What our HRD is doing?
— Anshul Saxena (@AskAnshul) May 30, 2017
वहीं अंशुल सक्सेना नाम के यूजर ने लिखा है कि ‘एनसीईआरटी में नक्सली नेता और नक्सली विचारधारा को बढ़ावा दिया जा रहा है वहीं एएमयू में गैर मुस्लिम छात्रों को लंच और ब्रेकफास्ट नहीं मिल रहा है, आखिर एचआरडी मंत्रालय कर क्या रहा है।’
क्या है हकीकत ?
इस बारें में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सर सैयद अहमद नॉर्थ हॉस्टल के किचन के इंचार्ज सज्जाद अहमद दार से बताया कि रमजान की वजह से डिनर का वक्त बदला गया है, जो पहले शाम 7 बजे मिलता था, वो अब थोड़ा पहले मिलने लगा है. हालांकि जो छात्र रूम में लेना चाहता है, वह अपना नाम भी लिखवा सकता है.
वहीँ हस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रोफेसर अली नदीम रिजवी कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है, बस टाइम थोड़ा बदल गया है. और ये बहुत पुरानी परंपरा है. पहले भी होता था. पर जो लोग रोज़ा नहीं रखते, उनको कोई दिक्कत नहीं होती है. वहीँ इस बात की पुष्टि सोशल मीडिया पर एक अन्य हिंदू छात्र ने खुद की है.
आज एक लेख पढ़ा जिसमें लिखा था कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में रमज़ान के कारण गैर मुसलमान विद्यार्थियों को खाने पीने स…
Posted by Rashmi Singh on 29 ಮೇ 2017