शहडोल (म.प्र.) : 500 और 1000 के नोटों के बंद हो जाने के बाद परेशान हो रही जनता के बीच, शहडोल लोकसभा सीट के उपचुनाव मे भाजपा जिंदाबाद के नारे लगाना कुछ उत्साही कार्यकर्ताओं को भारी पड़ गया। मध्य प्रदेश में शहडोल में 19 नवंबर को वोट पड़ने हैं, और बैंकों में लंबी-लंबी लाइनें लगाकर परेशान जनता भाजपा और मोदी को कोस रही है। ऐसे में कुछ भाजपाइयों ने बैंकों में जमा भीड़ का फायदा उठाते हुए भाजपा के पर्चे बाँटना शुरू किए, तो गुस्साए लोगों ने उन्हें खदेड़ दिया।
ऐसा ही कुछ ग्रामीण आदिवासी इलाकों में हुआ। कुछ उत्साही और समर्पित भाजपा कार्यकर्ता जनता की परेशानियों को किनारे कर शनिवार की रात को भाजपा उम्मीदवार ज्ञान सिंह के पक्ष में वोट मांगने पहुँचे, तो गाँव वालों ने उन्हें डाँट-फटकार कर भगा दिया। कुछ कार्यकर्ताओं के साथ मार-पीट भी की गई। पिटे भाजपा कार्यकर्ताओं ने जब अपने बड़े नेताओं को ये बात बताई तो उन्होंने उन्हें चुप रहने को कहा और समझाया कि अगर ये बात फैल गई तो आगे माहौल और भी खराब हो सकता है।
फिलहाल, भाजपा कार्यकर्ताओं ने सुरक्षा मुहैया कराए बिना, जनता के बीच मोदी जिंदाबाद के नारे लगाने, और भाजपा को वोट देने से इन्कार कर दिया है। प्रचार अभियान में कार्यकर्ताओं की कमी से जूझ रही भाजपा के सामने मुश्किल हो गई है। हर सामान्य कार्यकर्ता को पुलिस सिक्योरिटी देना मुश्किल लग रहा है, और ऐसे में कार्यकर्ता केवल बड़े नेता या मंत्रियों के साथ ही लगकर प्रचार करके अपनी औपचारिकता निभा रहे हैं।
पिटे हुए कार्यकर्ताओं ने पहले गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के लोगों पर पिटाई का आरोप लगाया, लेकिन जब वो अपनी बात कह रहे थे तभी भाजपा के बड़े नेताओं के फोन उनके पास आ गए, और वो अपनी बात से पलट गए और कहने लगे कि कुछ नहीं हुआ। भाजपाइयों को इन घटनाओं के बारे में कुछ भी बोलने से मना कर दिया गया है।
भाजपा के प्रचार की कमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह को सौंपी है। कार्यकर्ताओं के अकेले बिना सिक्योरिटी के प्रचार में जाने से इन्कार की जानकारी उन्हें भी दी गई बताई जा रही है, लेकिन अभी गृहमंत्री की तरफ से कोई रिएक्शन नहीं मिला है। अनौपचारिक बातचीत में कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने बताया कि इस बारे में पार्टी के नेताओं ने आपसी चर्चा तो की है, लेकिन उसका कोई नतीजा अभी तक बताया नहीं गया है।
गाँव वालों ने बताया कि दिन भर बैंकों की लाइन में लगाकर गरीबों का जीना मुश्किल करने वाले मोदी की जय-जयकार करते कुछ लड़के आए थे, और स्वाभाविक रूप से उन्हें लोगों का गुस्सा झेलना पड़ा। मार-पीट की बात से गाँव वालों ने भी इन्कार किया है, लेकिन इतना ज़रूर कहा कि सभी से दस-दस बार “मोदी-मुर्दाबाद” के नारे लगवाने के बाद उन्हें जाने के लिए कह दिया गया था।
शहडोल लोकसभा सीट पर उपचुनाव भाजपा सांसद दलपत सिंह परस्ते के निधन के बाद हो रहा है। भाजपा ने दलपत सिंह परस्ते की बेटी और बेटे को दरकिनार करते हुए मंत्री ज्ञान सिंह को टिकट दिया है, और उनका मुकाबला गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरासिंह मरकाम से है। हीरा सिंह मरकाम को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और शहडोल के जिला कलेक्टर रहे अजीत जोगी का भी समर्थन मिल गया है। अजीत जोगी का इलाका मरवाही शहडोल से ही लगा है।
लंबे समय तक समाजवादियों के प्रभाव में रही शहडोल सीट पर जनता दल यूनाइटेड और समाजवादी पार्टी ने भी जीजीपी के हीरासिंह मरकाम का समर्थन किया है। कांग्रेस ने पूर्व मंत्री दलबीर सिंह की दिल्ली में रहने वाली बेटी हिमाद्री सिंह को टिकट दिया है।