बीते साल अप्रैल में राजस्थान के अलवर में कथित गौरक्षा के नाम पर मारे गए पहलू खान को पुलिस ने गौ-तस्कर करार दिया.
पुलिस की और से दायर दूसरी चार्जशीट में हरियाणा के डेरी किसान पहलू खान और उसके साथियों पर गौ-तस्करी का आरोप लगाते हुए कहा गया कि इन लोगों के पास ऐसा कोई भी दस्तावेज बरामद नहीं हुआ जो साबित कर सके कि उन्होंने ‘गाय’ खरीदने और ले जाने के लिए इजाज़त ली थी.
चार्जशीट में आरोप लगाया गया कि पहलू खान, अजमत, रफीक और अर्जुन लाल यादव गौ-तस्करी में शामिल थे. अजमत और रफीक की मदद से पहलू खान गायों कि तस्करी करता था. जबकि तस्करी के दौरान अर्जुन ट्रक चलाता था. हालांकि उस वक्त एक और ट्रक भी साथ था जिसे अर्जुन के पिता जगदीश प्रसाद चला रहे थे.
मामले की जांच कर रहे बेहरोर पुलिस स्टेशन के हेड कॉन्स्टेबल हारून खान ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया जांच में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जो साबित कर सके कि पहलू खान और उसके साथी वैध तरीके से गाय ले जा रहे थे. इन सभी को राजस्थान पशु कानून-1995 की धारा 5,8,9 के तहत चार्ज किया गया है.
ध्यान रहे पहलू खान की हत्या और मारपीट के मामले में पुलिस ने 6 आरोपी को हिरासत में लिया था. ये सभी आरोपी संघ परिवार जुड़े है. जिन्हें बाद में बरी कर दिया गया है.
हत्या के ये 6 आरोपी हुए बरी:
- ओम यादव (45), आखिल भारतीय विधार्थी परिषद का जिला संयोजक
- हुकुम चंद यादव (44), हिंदू जागरण मंच का कस्बा प्रमुख
- सुधीर यादव (45), गो सेवा समीति का अध्यक्ष
- जगमाल यादव (73), मानव जागृति मंच प्रमुख
- नवीन शर्मा (48) आरएसएस के संभाग प्रभारी
- राहुल सैनी (24) आखिल भारतीय विधार्थी परिषद का सह जिला संयोजक