जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और मधेपुरा सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने राष्ट्रगान को गाने से साफ़ इनकार करते हुए कहा कि ‘मैं ऐसे जॉर्ज पंचम की स्तुति नहीं गा सकता जिसने भारत को गुलाम बनाए रखा.’ साथ ही उन्होंने राष्ट्रगान में अधिनायक’ शब्द को परिभाषित किये जाने की भी मांग की.
हाजीपुर के एक हाईस्कूल में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रगान के दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी राष्ट्रगान नहीं गाया है और आगे भी वो नहीं गाएंगे. उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि जन-गण-मन अधिनायक गीत को जॉर्ज V को खुश करने के लिए गाया गया था.
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर किसी दूसरे देश का व्यक्ति हमारे देश का भाग्य विधाता कैसे हो सकता है? पप्पू यादव का मानना हैं कि न तो राष्ट्रगान और ना ही राष्ट्रीय झंडे से राष्ट्रभक्ति को जोड़कर देखा जा सकता है. उनके लिए मानवतावाद के बाद ही राष्ट्रवाद का स्थान है.
इसके अलावा उन्होंने पीएम मोदी के डिजिटल लेनदेन की योजना की आलोचना करते हुए कहा कि भारत सात जन्मों में भी कैशलेस नहीं बन सकता है क्योंकि इस देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाले 90 फीसदी गांव हैं.