ईद उल अजहा पर होने वाली गायों की कुर्बानी को मुस्लिम समुदाय ने देश के बहुसंन्ख्यक समुदाय की भावनाओं को ध्यान रखते हुए करना सदियों से छोड़ रखा है. बावजुद इसके ईद उल अजहा का त्यौहार हमेशा से ही भगवा संगठनों की आँखों में खटकता आया है.
लेकिन अब अपनी हदों को पार करते हुए भगवा संगठनों ने बकरों की कुर्बानी पर भी आपत्ति पेश कर दी. इस भी एक एक कदम आगे जाते हुए कुर्बान किए बकरों की तेरहवीं मनाने की कोशिश की गई. हालांकि पुलिस ने उन्हे कामयाब नहीं होने दिया.
मामला महाराष्ट्र के पुणे का है. कथित गौरक्षक यवतमाल जिले वसंद नगर इलाके में कुर्बानी बकरों पर शोक जताने के लिए इकट्ठा हुए थे. पितृपक्ष का हवाला देकर वे मारे गये जानवरों की तेरहवीं करना चाहते थे. इसके लिए सोशल मीडिया पर निमंत्रण वायरल किये गए.
हालांकि पुलिस ने पहले ही आयोजकों को कार्यक्रम रोक आदेश दे दिया. साथ ही “तेरहवीं” के इस कार्यकर्म को मौके पर जाकर रद्द करा दिया.
पुलिस एडीजी बिपिन बिहारी ने कहा कि पुलिस ने व्हाट्सऐप मैसेज देखते ही त्वरित कार्रवाई की. पुलिस के अनुसार उसने राज्य भर के स्वघोषित गौरक्षकों की लिस्ट तैयार की है और इसे जल्द पूरे सूबे में साझा किया जाएगा.