नोटबंदी: बाप लगा रहा बैंक लाइन में, दूसरी तरफ बीमार बेटे ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया

dead body

उत्तरप्रदेश के आगरा में एक पिता अपने बीमार बेटे के इलाज के लिए पैसा निकालने के लिए लाइन में खड़ा रहा वहीँ दूसरी तरफ बीमार बेटे ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया.

शहर के फाउंड्री नगर का 21 वर्षीय श्यामू पुत्र रामबाबू को पिछले एक महीने से बुखार था. पिता रामबाबू ने अपने बेटे को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया हुआ था. जिसके बाद उसकी हालत में सुधार हुआ. लेकिन कुछ दिन पहले बेटे की तबियत अचानक फिर से खराब हो गई. पिता ने अपने बेटे को निजी अस्पताल में भर्ती कराना चाहा लेकिन पैसों के अभाव में कुछ नही कर सका.

पिता ने जैसे-तैसे अपने कारखाने के मालिक से पैसों का इन्तिजाम किया लेकिन  कारखाने के मालिक ने अपने वर्कर की हालत देखते हुए पुराने नोट दे दिए. पुराने पांच सौ और हजार के नोट को उन्होंने जनधन खाते में डाल दिए. उन्ही पैसों को दुबारा निकालने के लिए पिता बैंक की लाइनों में लाइन में लगा रहा.

दूसरी और बेटे की हालत दिन व दिन बिगड़ती गई. बुधवार को पिता बैंक की लाइन में खड़ा रहा, लेकिन बीमार बेटे ने दम तोड़ दिया. पीड़ित रामबाबू का कहना है कि पैसे निकालने के लिए तीन दिन लगातार बैंक में लगे रहे. बैंक ने कहा कि खाता बंद हो गया है. पीड़ित ने पीएम मोदी को इसका जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उनका खुद का पैसा नहीं निकल सका और बच्चे की जान चली गई.

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