देश भर में नोटबंदी के बाद से ही अफरा तफरी का माहोल हैं ऐसे में कई लोग सरकार के इस फैसले से नाराज हैं तो कई लोग सरकार के पक्ष में भी खड़े नजर आ रहे हैं. कई लोग ऐसे भी जिनके ऊपर नोटबंदी के कारण मुसीबत का पहाड़ टूट चूका हैं. बैंकों और ATM के बाहर दिन-दिन भर खड़े रहने के बावजूद भी नगदी नहीं मिल रही हैं.
ऐसे ही एक शख्स केरल के कोल्लम के रहने वाले 70 वर्षीय याहिया हैं. जो अपनी पत्नी और दो लड़कियों के साथ एक होटल चलाते हैं. उन्होंने बेटी की शादियों के लिए सबकुछ बेचकर गल्फ जाकर काम करने का फैसला किया. ताकि उनकी कमाई में बढोतरी हो सके. वहां जाकर उन्होंने बहुत परेशानिया झेली. हालांकि इस दौरान वह बेटियों की शादी के लिए कुछ धन जमा करने में सक्षम हुए. उन्होंने बाद में कुछ लोन लेकर और जमा पैसो से बेटी की शादी कर दी.
अब वे कोल्लम में ही एक होटल चलाते हैं. उनके पास 23000 रु के पुराने नोट थे जिन्हें जमा कराने के लिए बैंक में दो दिनों तक लाइन में लगे रहे. इस दौरान उनका शुगर लेवल कम हो गया और उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. याहया के ऊपर को-ऑपरेटिव बैंक का लोन है, उन्हें को-ऑपरेटिव में सारे ट्रांजेक्शन बंद होने के बाद महसूस हुआ कि वे पैसे कहीं भी नहीं जमा कर पायेंगे. क्योंकि उनका दूसरी बैंक में कोई अकाउंट नहीं था.
ऐसे में उन्होंने अस्पताल से घर आने के बाद चूल्हा जलाया और सारे पैसे जला दिए. इसके बाद मैं नाई की दुकान गए और अपना आधा सिर मुंडवा दिया. और कसम खाई की जब तक उनकी मेहनत और बचत को राख में मिलाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से बाहर नहीं कर दिया जाता है और इस देश को बचा नहीं लिया जाता तब तक वे अपने बाल वापस नहीं रखेंगे.