अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर कुरान पढ़ने के लिए आरएसएस के मुस्लिम राष्ट्रिय मंच के तत्वधान में जुटे करीब 1500 मुसलमानों को साधुओं ने सरयू के पानी से वजू करने नहीं दिया।
दरअसल अयोध्या के साधुओं ने सरयू के पानी से वजू करते हुए धमकी दी कि अगर ऐसा हुआ तो वे आत्महत्या कर लेंगे। जिसके बाद सरयू के पानी से वजू को स्थगित कर दिया गया।
बता दें कि मुस्लिम मंच के कार्यक्रम का अन्तरराष्टीय हिन्दू परिषद के अध्यक्ष डा. प्रवीन भाई तोगडिया ने विरोध किया था। उन्होंने संतों से व्यक्तिगत फोन कर आग्रह किया कि संत समाज भी मुखर हो। तोगडिया के ही आह्वान पर संतों ने मुख्यमंत्री तक संदेश भेजा था। इसी के बाद शासन स्तर पर निर्णय लिया गया कि कार्यक्रम में शिरकत करने वाले मुस्लिम सरयू जल से वजू न करें।
इसके बाद मुस्लिम मंच के इस कार्यक्रम से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आरएसएस ने भी खुद को अलग कर लिया। आरएसएस के ट्विटर हैंडल से अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने बयान जारी किया कि “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा अयोध्या में सामूहिक नमाज का आयोजन किया जा रहा है, ऐसा समाचार कुछ प्रचार माध्यमों में आया है. यह पूर्णतया निराधार एवं असत्य है।”
" राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा अयोध्या में सामूहिक नमाज का आयोजन किया जा रहा है, ऐसा समाचार कुछ प्रचार माध्यमों में आया है। यह पूर्णतया निराधार एवं असत्य है । " – अरुण कुमार , अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख
— RSS (@RSSorg) July 11, 2018
वहीं आरएसएस के कार्यक्रम से किनारा करने के बाद मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी भी नहीं पहुंचे। ऐसे में रामकथा संग्रहालय से सीधे नूह असलाहिस्लाम की मजार पर जाकर फातिया व कुरानख्वानी का निर्णय लिया गया।