नई दिल्ली : सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव इलियास मोहम्मद थुम्बे ने भाजपा की केन्द्र सरकार द्वारा एनडीटीवी पर 24 घंटे के प्रतिबंध की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसे बोलने की आज़ादी और लोकतंत्र पर हमला क़रार दिया है.
थुम्बे के मुताबिक़ तानाशाही वाला यह आदेश देश में अघोषित आपातकाल के ज़रिए 1975 के अंधेरे युग की याद दिलाता है.
उनके मुताबिक़ सत्ता पर क़ाबिज़ होने के दिन से ही मोदी सरकार कई तरह से असंतोष व उसके खिलाफ़ उठने वाली आवाज़ों को दबाने की कोशिश कर रही है. क़ानून का अवैध तरीक़े से इस्तेमाल कर देशद्रोह के मुक़दमों में बेगुनाहों, अल्पसंख्यकों और मानावधिकार कार्यकर्ताओं को फंसाया जा रहा है. जिसमें तीस्ता सीतलवाड़, डा. ज़ाकिर नायक, ग्रीन पीस, एनडीटीवी जैसे हाल के बेहद हैरान करने वाले उदाहरण हमारे सामने है.
उन्होंने दोहराया कि एनडीटीवी पर प्रतिबंध कुछ और नहीं, बल्कि आरएसएस और भाजपा के साम्प्रदायिक एजेंडे के विरोध में उठने वाली हर आवाज़ को कुचलने का उदाहरण है.
थुम्बे ने कहा कि एसडीपीआई एनडीटीवी की बेबाकी और बहादुरी के साथ कर रहे पत्रकारिता का समर्थन करता है, जो कि समाज के कल्याण और देश में मानवता के लिए बेहद ज़रूरी है.