महाराष्ट्र में मुसलमानों को आरक्षण अदालत के निर्णय पर ही मिल सकता हैं: मुख्यमंत्री फडणवीस

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने शुक्रवार को विधानसभा में मुस्लिम आरक्षण को लेकर कहा कि  यह मामला फिलहाल अदालत में विचाराधीन है और अदालत के निर्णय के आधार पर ही आरक्षण संभव होगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि धर्म के आधार आरक्षण संभव नहीं है ऐसे में मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं दिया जा सकता.

मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने ठीक चुनाव से पहले मुसलमानों और मराठाओं को आरक्षण देने की घोषणा की थी. उन्होंने इस घोषणा को कांग्रेस का चुनावी वादा बताते हुए कहा कि कांग्रेस की आरक्षण देने में नियत ठीक नही थी.

उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा सरकार ने मुसलमानों की सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक स्तिथि के लिए ने कई योजनाएं लागू की हैं और मदरसों और उनके विद्यार्थियों के लिए कई मनसूबों पर अमल किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अगर अदालत ने मुसलमानों के आरक्षण के पक्ष में फैसला दिया तो उस फैसले को चेलैंज नहीं किया जाएगा.

वहीँ पिछली सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के  मंत्री आरिफ नसीम खान ने कहा कि मुख्यमंत्री फडणवीस का बयान झूठ का पुलिंदा है और पिछली सरकार ने मुसलमानों और मराठाओं को आरक्षण कानूनी दायरे में रह कर दिया था, लेकिन वर्तमान सरकार की नीयत में खोट नजर आ रही है.

उन्होंने आगे कहा कि मुसलमानों को उनका हक मिलना चाहिए और भविष्य में कानूनी तौर पर ऐसा हो जाएगा. क्योंकि अदालत पहले मुसलमानों को शैक्षिक स्तर पर प्रतिशत आरक्षण का आदेश दे चुकी है, लेकिन मौजूदा सरकार की निति ने इस संबंध में ठीक नहीं है.

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