चुनावों की आहट के साथ ही महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे ने मराठी मानुष के मुद्दें को हवा देना शुरू कर दिया है. बाकायदा इसके लिए उत्तर भारतीयों के साथ मारपीट भी की गई.
कुपवाड़ में महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम की इकाइयों में स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता देने की मांग के साथ ही मनसे कार्यकर्ताओं ने गैर-महाराष्ट्रीयन लोगों के साथ जमकर मारपीट की. पुलिस ने हमले के संबंध में सात लोगों को गिरफ्तार किया है.
इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें मनसे कार्यकर्ता लोगों को रोक-रोककर मारपीट कर रहे हैं. कार्यकर्ताओं ने ये हमला तब किया जब वह कुपवाड़ औद्योगिक इलाके में एक फैक्ट्री में काम करके लौट रहे थे. ये घटना पूरी तरह सुनियोजित है.
दरअसल राज ठाकरे की पार्टी ने सांगली में ‘लाठी चलाओ भैय्या हटाओ’ नाम से पर-प्रांतीय हटाओ मुहिम शुरू की है. मनसे का आरोप है कि सांगली स्थित एमआईडीसी में पर-प्रांतीयों को नौकरी दी जा रही है. मनसे की मांग है कि यहां 80 फीसदी नौकरी सिर्फ और सिर्फ मराठी लोगों को दी जाए.
#WATCH MNS workers beat up non-Maharashtrians in Sangli's
MIDC Kupwad demanding preference to local youth for jobs in the area's industries pic.twitter.com/xtMRAHWbSD— ANI (@ANI) October 11, 2017
ध्यान रहे 2008 में भी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश और बिहार से आए कई लोगों पर हमले किए थे. सितंबर 2016 में भी एमएनएस कार्यकर्ताओं ने मुंबई के घाटकोपर इलाके में गैर-महाराष्ट्रीयन लोगों से मारपीट की थी.