मध्य प्रदेश के मंदसौर में रेप की शिकार 7 साल की बच्ची की फोटो खींचकर उसकी पहचान उजागर करने वाली नर्स को गिरफ्तार कर लिया गया है। नर्स के खिलाफ जेजे एक्ट, पॉक्सो एक्ट (धारा 23) और आईपीसी की धारा 228 (क) के तहत केस दर्ज किया गया है।
डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया कि शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में भर्ती पीड़िता के वॉर्ड के पास तैनात पुलिस कर्मियों को बुधवार को इसकी जानकारी मिली थी। इसकी पुष्टि होने पर नर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई।
बताया जा रहा है कि एमवाय अस्पताल के वार्ड में भर्ती बच्ची बुधवार शाम सो रही थी, तभी ड्यूटी नर्स रमा कुशवाह तस्वीरें लेने लगी। वहां तैनात मंदसौर की डीएसपी लक्ष्मी सेतिया ने उसे देख लिया। आशंका है कि किसी को भेजने के मकसद से वह फोटो ले रही थी।
डीआईजी ने बताया कि नर्स से इस सिलसिले में पूछताछ की जा रही है कि उसने पीड़ित बच्ची और उसके मेडिकल दस्तावेजों के फोटो क्यों खींचे। पुलिस को संदेह है कि वह यह तस्वीरें किसी व्यक्ति को भेजना चाहती थी।
बता दें कि पॉक्सो एक्ट की जिस धारा 23 के तहत रेप केस मे पीड़ित बच्ची के बारे में ऐसी कोई रिपोर्ट या टिप्पणी नहीं की जा सकती जिससे उसका नाम, पता, तस्वीर, स्कूल या परिवार की पहचान उजागर हो। इस धारा में 6 महीने से लेकर 1 साल तक की सजा या जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है।
इसके अलावा आईपीसी की धारा 228-A के तहत मीडिया किसी भी रेप पीड़िता/पीड़ित की पहचान (तस्वीर, नाम और उससे जुड़ी कोई भी जानकारी) उजागर नहीं कर सकता।