कर्नाटक में श्रीशैल सारंग मठ के देशिकेंद्र स्वामी ने येदियुरप्पा सरकार को सीधे तौर पर अपने पसंदीदा बीजेपी विधायक को मंत्री बनाने को कहा है। अन्यथा अगर एक साल के अंदर विधायक को मंत्री नहीं बनाया जाता है तो उनके 10 समर्थक विधायक इस्तीफा दे देंगे।
शुक्रवार को कलबुर्गी में लिंगायत समुदाय की एक सभा को संबोधित करते हुए, श्रीशैला सारंग मठ के द्रष्टा, सारंगधारा देशिकेंद्र स्वामी ने कर्नाटक के कलबुर्गी में कहा कि अगर बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली सरकार एक साल के भीतर दत्तात्रेय पाटिल रेवूर (भाजपा विधायक) को मंत्रिमंडल में शामिल करने में विफल रहती है, तो वह कर्नाटक क्षेत्र के कल्याण के भाजपा के कम से कम 10 विधायकों को इस्तीफा देने के लिए कह सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘येदियुरप्पा अगले तीन वर्षों के लिए पद पर रहेंगे, यदि वे रेवूर को मंत्री बनाते हैं।यदि नहीं, तो मैं उनसे (बाद में) इस्तीफा देने के लिए कहूंगा, क्योंकि उन्हें अब राजनीति में रहने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनके पास एक घर है, कई एकड़ कृषि भूमि है और बहुत समृद्ध है।’
Sarangadhara Deshikendra Swami,Seer of Srishaila Saranga mutt, in Kalaburagi: If BS Yediyurappa led government fails to induct Dattatraya Patil Revoor(BJP MLA) into the cabinet within a year then I can ask atleast 10 MLAs from BJP of the Kalyana-Karnataka region to resign. (28.2) pic.twitter.com/rZx7977lTP
— ANI (@ANI) February 29, 2020
37 वर्ष के दो बार के विधायक दत्तात्रेय को अप्पूगौड़ा के नाम से भी जाना जाता है। पिछले महीने सीएम येदियुरप्पा को पंचमसाली गुरु पीठ के द्रष्टा ने धम’की दी थी कि अगर समुदाय के एक भाजपा विधायक को कैबिनेट में जगह नहीं दी जाती है तो समुदाय उन्हें छोड़ देगा।
बता दें कि जिन कांग्रेस और जेडीएस विधायकों ने कुमारस्वामी सरकार गिराई, अब वही बीजेपी के टिकट पर जीतकर येडियुरप्पा की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। ऐसे ही दो विधायक हैं रमेश जारकीहोली और महेश कुमताहल्ली ये दोनों पहले वाली सरकार में से इस्तीफा देकर बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। इनमें से रमेश जारकीहोली को मंत्री पद भी दे दिया गया है।
अभी हाल ही में जारकीहोली ने सरकार को धम’की दी है कि अगर उनके साथी विधायक महेश कुमताहल्ली को मंत्री नहीं बनाया गया तो वह इस्तीफा दें देंगे।