जुमे की जिस छुट्टी के लिए मचा बवाल , वो लोगो को मिल ही नही पायी

Harish Rawat addresses press

देहरादून | उत्तराखंड सरकार ने सरकारी मुस्लिम कर्मचारियों को जुमे की नमाज पढने के लिए 90 मिनट छुट्टी देने का फैसला किया था. हरीश रावत सरकार के इस फैसले पर पुरे देश में हो हल्ला हुआ. विपक्षी दलों ने इसे तुष्टिकरण की निति तक करार दिया. सरकार का आदेश आने के बाद कल पहला शुक्रवार था. जब यह पड़ताल की गयी की कल कितने मुस्लिम कर्मचारियों को छुट्टी मिली तो पता चला यह फैसला अभी लागु ही नही हो पाया है.

हरीश रावत सरकार ने पिछले शनिवार को यह फैसला किया था. लेकिन सामान्य विभाग और अल्पसंख्यक विभाग के बीच पैदा हुए विवाद की वजह से इस फैसले को लागु नही किया जा सका. कल जुमे की नमाज से पहले लोग इस बात का इन्तजार करते रहे की सचिवालय की और से कोई निर्देश आएगा लेकिन ऐसा नही हुआ और मुस्लिम कर्मचारियों को कल कोई छुट्टी नही मिली.

दरअसल कैबिनेट से फैसला मंजूर होने के बाद इस आदेश की एक पत्रावली सामान्य विभाग भेजी गयी. लेकिन इस पत्रवाली में अल्पकालिक अवकाश की बात लिखी हुई थी. इस पत्रावली में कही भी स्पष्ट नही था की कितने समय के लिए अल्प अवकाश मुस्लिम कर्मचारियों को देना है. जब इस मामले में अल्पसंख्यक विभाग से राय ली गयी तो उन्होंने इसके लिए 150 मिनट का प्रस्ताव रखा.

इस मामले में एक पेंच तब फंसा जब अल्पसंख्यक विभाग ने कहा की इस फैसले को लागू करने का अधिकार उसके पास है. उधर सामान्य विभाग खुद इस पर अडा रहा की उसको यह फैसला लागु करना है. इस दौरान दोनों विभाग के अधिकारियो की कई दौर की मीटिंग भी हुई लेकिन कोई निर्णय नही निकल पाया. उम्मीद है सोमवार को दोनों विभाग किसी एक बात पर सहमत होंगे और अगले जुमे को मुस्लिम कर्मचारियों को कुछ समय की छुट्टी मिल पाएगी.

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