भवानीमंडी/झालावाड़: प्रदेश की गरीब जनता को सरकारी दफ्तरों से रोज की दोड़-भाग से निजात दिलान के लिए राज्य सरकार ने ई-मित्र शुरू किये. लेकिन ये ई-मित्र ही अब गरीब जनता के लिए बड़ी मुसीबत बन चुके है.
दरअसल, इन ई-मित्रों में सुविधाओं के नाम पर जनता को लूटा जा रहा है. विरोध करने पर उनको सुविधा से वंचित किया जा रहा है. हालांकि कई बार शिकायत की जा चुकी है. बावजूद प्रशासन की और से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. जिसकी वजह से ये गोरखधंधा बेधड़क चल रहा है.
नए राशन कार्ड बनाने के लिए सरकार की और से 30 रुपयें निर्धारित किये गए. लेकिन ई-मित्रों पर 150 से 200 रुपयें तक वसूले जा रहे. वहीँ अगर राशन कार्ड में नाम जुड़ाना हो या कटाना हो, अगर कोई गलती भी सुधरानी हो तो 15 से 20 रुपयें निर्धारित किये गए. लेकिन आम जनता को 100 रुपयें देने पड़ रहे है.
इसी तरह सरकार की और से आधार पंजीकरण और भामाशाह पंजीकरण नि:शुल्क किया हुआ है. लेकिन आम जनता को मज़बूरी में 50 रुपयें देने पड़ रहे है. बायोमेट्रिक अपडेशन 15 रुपयें निर्धारित किया गया है. जिसके 50 से 100 रुपयें वसूले जा रहे है.
यहाँ तक की छात्र भी इस लुटखोरी से अछूत नहीं है. कोई भी परीक्षा फॉर्म हो या किसी वेकेंसी के लिए अप्लाई करना हो 100 से 200 रुपयें तक देना पड़ता है. रोजगार पंजीयन के लिए भी बेरोजगारों को अपनी जेबे बड़े पैमाने पर ढीली करनी पड़ रही है.
अमूमन हर सुविधा का चार्ज 5 से 10 गुना तक वसूल कर गरीब जनता की कमर तोड़ी जा रही है. जिसके बारें में प्रशासन को भी भलीभांति जानकारी है. बावजूद कोई कार्रवाई करना तो दूर बल्कि प्रशासन की और से संरक्षण दिया जा रहा है.