पिंकसिटी जयपुर उस वक्त ब्लैक हो गई जब लाखों की तादाद में बुर्कानशीन मुस्लिम महिलाएं ट्रिपल तलाक बिल के विरोध में सड़कों पर आ उतरी.
मोदी सरकार विरोधी तख्तियों के साथ मौन जुलुस की शक्ल में मुस्लिम महिलाओं की यह रैली चार दरवाजा से शुरू होकर रामगंज, घाटगेट, सांगानेर रोड होते हुए मुस्लिम मुसाफिर खाना पहुंची तो इस रैली को देखकर हर कोई दंग रह गया.
दरअसल मीडिया द्वारा हमेशा यह ही प्रचारित किया जाता है कि मुस्लिम महिलाएं घरों में कैद की जिंदगी व्यतीत करती है. लेकिन शरीअत से मिले अपने अधिकारों के लिए ये महिलाएं बुर्का पहन कर सड़कों पर उतर आई.. मुसाफिर खाना में सभा के बाद मुस्लिम महिलाओं का 11 सदस्यीय दल ने राजभवन जाकर बिल के विरोध में राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा.
रैली में शामिल यासमीन फारूकी ने सवाल उठाते हुए कहा कि बिल की धारा 2 के अनुसार एक साथ तीन तलाक नहीं होगा व धारा 3 में तीन तलाक पर तीन साल की सजा का प्रावधान है. दलील है कि जब तलाक ही नहीं होगा तो उसकी सजा क्यों?
वहीँ फातिमा मुजफ्फर ने कहा, पूरी दुनिया में किसी भी समुदाय के कानूनों में बदलाव के लिए उससे जुड़े लोगों से राय ली जाती है जबकि यहां विरोध में 2.80 करोड़ दस्तखत नजर अंदाज किए गए और समुदाय से बात नहीं की गई. मुस्लिम महिलाएं इस्लामी शरीयत को अपनाना चाहती हैं, ऐसे में वे विरोध में हैं.