अगर नेताओं और अफसरों के बच्चें सरकारी स्कूलों में पढ़ेंगे तो बढ़ जाएगा बोझ: शिवराज सिंह चौहान

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने शासनकाल के 11 वर्ष पूरे कर लिए हैं. इस दौरान वे मीडिया से मुखातिब हुए. इस दौरान मीडिया ने उनसे सरकारी स्कूलों में नेताओं और अफसरों के बच्चों को पढ़ाने को लेकर सवाल किया जिस पर शिवराज सिंह चौहान ने विवादस्पद जवाब दिया हैं.

दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछा गया कि राज्य के राजनेता और अधिकारियों के बच्चे सरकारी स्कूलों में क्यों नहीं पढ़ते और सरकारी अस्पतालों में इलाज क्यों नहीं कराते? चौहान ने इस पर जवाब देते हुए कहा, “अगर वे भी सरकारी स्कूलों में जाएंगे तो सरकारी स्कूलों पर बोझ और बढ़ जाएगा.”

लेकिन बाद में बात को संभालते हुए उन्होंने कहा, “जहां तक आपका भाव है, जो आपका भाव है उसको ध्यान में रखकर शिक्षा की गुणवत्ता और कैसे ठीक की जा सकती है, उस पर ध्यान देंगे.”

राज्य की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर चौहान ने कहा, “राज्य में पहले शिक्षा का बुरा हाल था, जिसे उन्होंने बदला है. उच्च माध्यमिक में 85 फीसदी अंक पाने वाले बच्चे निजी स्कूलों से ज्यादा सरकारी स्कूलों के हैं. जहां तक चिकित्सा का सवाल है, चिकित्सकों की कमी है, मगर नि:शुल्क दवा योजना शुरू की गई है. ह्रदय रोगी बच्चों के नि:शुल्क ऑपरेशन कराए जा रहे हैं.”

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