कासगंज: 26 जनवरी को भगवा ब्रिगेड की और से कथित तिरंगा यात्रा के नाम पर निकाली गई भगवा यात्रा के दौरान न केवल राष्ट्रीय ध्वज का अपमान हुआ बल्कि देश के लिए अपनी जान देने वाले वीर अब्दुल हमीद का अपमान भी किया गया. वीर अब्दुल हमीद चौराहे पर मुस्लिम समुदाय की और से मनाए जा रहे गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में पहुँच कर भगवा कायकर्ताओं ने ‘हिंदुस्तान में रहना होगा, वंदे मातरम कहना होगा’ जैसे नारे लगाए. साथ ही भगवा फहराने की कोशिश की.
ध्यान रहे गाजीपुर के रहने वाले वीर अब्दुल हमीद ने 1965 के पाक-युद्ध में अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए शहादत हासिल की थी. जिसके लिए उन्हें भारत सरकार ने परमवीर चक्र से सम्मानित किया हुआ है. देश के शहीदों में वीर अब्दुल हमीद का नाम बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है.
स्थानीय निवासी फईम अहमद बताते है, “मुसलमानों ने खुद अब्दुल हमीद चौक पर ध्वजारोहण का कार्यक्रम रखा था था. यहां देशभक्ति का माहौल था. ऊपर तिरंगा लहरा रहा था और नीचे एक खूबसूरत रंगोली बनी थी. यहां देशभक्ति गीत बज रहे थे. मुसलमानों को अपने मुल्क से मोहब्बत है वे भी तिरंगा फहरा रहे थे. अचानक से हिन्दू संगठनों की एक टीम आई जिसमें लगभग 50 बाइक थी. इन लोगों के पास भगवा झंडा था यह सीधे मुसलमानों के कार्यक्रम मे घुस गये.”
एक और चश्मदीद मुनाजिर कहते है, “यह लोग रंगोली को बाइक से बिगाड़ने लगे और भगवा झंडे को हमारे तिरंगा से ऊंचा करने लगे. हमें इस पर ऐतराज था इसलिए हमने उन्हें ऐसा करने से मना किया.” मुनाजिर आगे कहते है, “पहले मैंने खुद स्थानीय कोतवाल को बताया. उन्होंने कहा कि वे तुरंत आ रहे हैं, मगर उन्हें आने में देर हुई. उसके बाद यहां हिन्दू संगठनों के लड़के नारे लगाने लगे -‘हिन्दुतान में रहना होगा तो वंदेमातरम कहना होगा’. मुसलमानों ने हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाये. हमारे पास वीडियो है, आप देख लीजिये. उसके बाद वे लोग घरों में घुसने लगे और मस्जिद की तरफ भी बढ़े, बस फिर झगड़ा हो गया.”
एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक वे नारे लगा रहे थे – ‘मुंह में गिलरोरी बगल में पान मुल्लों तुम जाओ पाकिस्तान’. इस यात्रा में तिरंगा कम और भगवा झंडा ज्यादा दिखाई दे रहा था. उन्होंने इसी इलाके की मस्जिद में घुसने की कोशिश की और इसके बाद दोनों पक्षो में हिंसा हो गई.