देश में मुस्लिम शहीद सैनिकों के साथ भेदभाव का मामला तो कोई नया नहीं है. लेकिन अब इन शहीदों की शहादत का सरेआम अपमान किया जा रहा है.
जम्मू कश्मीर के करन नगर जिले में CRPF कैंप पर आतंकी हमले के दौरान शहीद हुए जवान मोजाहिद खान को न तो केंद्र की मोदी सरकार का कोई मंत्री और नहीं बिहार की नीतीश सरकार का कोई मंत्री सलामी देने पहुंचा. यहाँ तक कि जिले का डीएम और मुखिया तक नहीं आया. इसी के साथ नीतीश सरकार ने शहीद को मुआवजा देने में भी भेदभाव किया. जिसके चलते परिजनों ने मुआवजा लेने से भी इनकार कर दिया.
ये सिलसिला यहीं नहीं रुका. अब शहीद मोजाहिद की शहादत का सरेआम अपमान किया जा रहा है. बिहार सरकार में भाजपा कोटे से मंत्री विनोद सिंह ने इस मामले में शर्मनाक बयान देते हुए कहा कि ‘अगर मैं भोजपुर उनके घर चला जाता तो क्या वह जिंदा हो जाते?’
Bihar Minister Vinod Singh talks about not being present for the last rites of CRPF's Mujahid Khan (lost his life in Srinagar's Karan Nagar), says, 'kal hi jaake kya fayda hota, maine dil se unko salute kiya hai, aur kal hi jaake kya hum unko zinda kar dete?' pic.twitter.com/r4Tt5KImyb
— ANI (@ANI) February 15, 2018
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मंत्री विनोद सिंह ने कहा, ‘कल ही जाकर क्या फायदा होता, मैंने दिल से उनको सैल्यूट किया है और कल ही जाके क्या हम उनको जिंदा कर देते?’ विनोद सिंह के लिए विवादित बयान देना कोई नई बात नहीं है. इससे पहले अगस्त 2017 में उन्होंने कहा था कि ‘भारत माता की जय’ न कहने वाले पत्रकार पाकिस्तान समर्थक हैं.
बिहार के पीरो के रहने वाले मुजाहिद खान श्रीनगर के करन नगर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे. वह सीआरपीएफ की 49वीं बटालियन के जवान थे. उनका पार्थिव शरीर बुधवार को उनके पैतृक गांव लाया गया था. नीतीश सरकार ने पांच लाख रुपये का चेक भेजा था, जिसे लेने से शहीद के परिजनों ने इनकार कर दिया था। शहीद के भाई ने कहा था, ‘सरकार का कोई मंत्री तो आया नहीं, कम से कम सम्मानजनक रकम तो भिजवाते, ताकि बूढ़े मां-बाप का आसानी से गुजारा हो सके.’