हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला का नाम बदलकर श्यामला रखने को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इस मामले में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि नाम बदलने को लेकर लगातार सुझाव आ रहे हैं। शिमला नाम अंग्रेजों की गलत बातों की याद दिलाती है। ऐसे में शिमला के प्रचलित नाम को बदलने पर विचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे बहुत से हैं नाम जैसे पीटर हाफ, स्कैंडल पॉइंट ओर रिज के नाम है जो पुरानी बातों की याद दिलाते हैं। यह इतिहास का हिस्सा है। हम अंग्रेजों के जमाने की बुरी बातों को परिवर्तित करने पर विचार करेंगे। इस संबंध में जनता से अहम सुझाव लिए जाएंगे।
इससे पहले हिमाचल प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह ने शिमला का नाम को लेकर पूछ गए मीडिया के सवाल पर कहा था कि यह चर्चा का विषय है, लेकिन अगर श्यामला से शहर का नाम शिमला हो सकता है तो फिर शिमला से श्यामला क्यों नहीं हो सकता?
बता दें कि विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत अध्यक्ष अमन पूरी ने शिमला का नाम बदलने की मांग उठाई है। उन्होने कहा, जब श्यामला को शिमला किया गया, क्योंकि अंग्रेज श्यामला नहीं बोल पाते थे, इसलिए शिमला नाम पड़ा. शिमला नाम एक गुलामी की पहचान है, जिसे अगर बदल दिया जाएगा, तो इससे संस्कृति तो बचेगी, साथ ही श्यामला मां को पूरी दुनिया में जाना जाएगा।
वहीं प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन नरेश चौहान ने कहा कि भाजपा जब-जब भी सत्ता में आई है, तब-तब इस तरह के शगूफे छोड़े जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को शिमला का नाम बदलने के प्रयास छोड़ जनता की समस्याओं को दूर करने और विकास कार्य को बढ़ावा देने के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिमला शहर की विश्व में अपनी पहचान है और इसके नाम से छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि शहर की जनता भी शिमला के नाम से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं चाहती है। चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने 9 माह के कार्यकाल में जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है। यही कारण है कि इस तरह के शिगूफे छोड़ अपनी नाकामियों को छिपाने के प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने दृष्टिपत्र में जो वायदे किए हैं, उनमें से अधिकतर पूरे नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार जनता से किए वायदों को पूरा करे।