पटना हाईकोर्ट ने मुख्य्मंर्त्री नीतीश कुमार को झटका देते हुए उनके शराबबंदी कानून को ‘गैरकानूनी’ बताते हुए रद्द कर दिया हैं.
शराबबंदी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इस कानून के कई प्रावधान पर ऐतराज जताया. जिसमे शराब मिलने पर पूरे परिवार को जेल भेजने जैसे कानून भी शामिल थे. बिहार को शराब मुक्त बनाना नितीश कुमार का सपना रहा हैं और इसी कानून के सहारे वह पूरे देश में शराबबंदी स्वीकार्यता बढ़ाने की मुहिम चला रहे थे.
हालाँकि इस मामले में पहले भी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि सरकार शराबबंदी को लागू कराने के लिए स्टंटबाजी बंद करे. राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ने जवाब में कहा था कि सरकार पूर्ण शराबबंदी लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए उसको जनमत भी मिला है.
नितीश सरकार ने शराबबंदी की वजह से अपराध में कमी आने का भी दावा किया था. पुलिस की ओर से इस साल अप्रैल में जारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू करने की वजह से अपराध दर में 27 प्रतिशत की कमी आई थी.