बुधवार को हरियाणाके जींद में 500 दलितों ने हिन्दू धर्म को त्याग बौद्ध धर्म अपना लिया है। ये सभी विभिन्न मांगों को लेकर करीब 6 महीने से धरने पर बैठे थे। लेकिन मांगे नहीं पूरी होने पर बौद्ध भिक्षुओं से दीक्षा लेकर सामूहिक रूप से बड़ी संख्या में धर्म परिवर्तन किया।
दलित जॉइंट ऐक्शन कमिटी के संयोजक दिनेश खापड़ ने बताया कि उत्तर प्रदेश और दिल्ली से आए छह बौद्ध भिक्षुओं ने धरनास्थल पर ही इन परिवारों को दीक्षा देकर धर्म परिवर्तन कराया। दलितों की मांगों में कुरूक्षेत्र के एक गांव की दलित बेटी से हुई दरिंदगी की जांच कराना, हिसार के भटला में दलितों का सामाजिक बहिष्कार करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज करने और दलितों पर किए गए झूठे मामले खारिज करना, दलितों पर हो रहे अत्याचार पर अंकुश लगाना आदि शामिल हैं।
खापड़ ने कहा, ‘जब से देश और हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनी है तब से दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक गुलामी की जिंदगी जीने को मजबूर है। सरकार ने हर मामले में दलितों की अनदेखी करके दलितों के साथ विश्वासघात किया है।’ बता दें कि इससे पहले भी जींद में ही गत चार जून को 100 से ज्यादा दलितों ने हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया था।
#Haryana: After holding strike in Jind for 113 days, around 100 Dalits from the district converted to Buddhism as state government didn't fulfill their demands of ordinance in SC/ST Protection Act, CBI investigation in Jhansa gang-rape case, among others. pic.twitter.com/nDSLCtIe0c
— ANI (@ANI) June 4, 2018
इस मामले पर प्रदेश के कृषि मंत्री ओपी धनखड़ ने कहा कि धर्म जीवन से बड़ा होता है और मांगों के लिए कभी भी धर्म परिवर्तन नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दलित समाज की क्या मांगें है, उनके संज्ञान में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मांगों के लिए धर्म परिवर्तन नहीं करना चाहिए। क्योंकि मांगें तो बदलती रहती हैं।