गुरुग्राम: भोरा ककलान में नहीं पढ़ने दी गई मुस्लिमों को जुम्मे की नमाज

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हरियाणा के गुरुग्राम में नमाज को लेकर हिंदुत्ववादियों की गुंडागर्दी थमने का नाम नहीं ले रही है. एक बार फिर से हिंदुत्ववादियों ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को जुम्में की नमाज अदा नहीं करने दी.

गुरुग्राम से तीस किलोमीटर पटौदी के करीब भोरा ककलान गांव में रमजान के पहले जुम्मे को करीब 50 स्थानीय हिंदुत्ववादियों ने मुस्लिमों को नमाज नहीं पढने नहीं दी. जिसके बाद उन्हें बिना नमाज के ही लौटना पड़ा.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एक सब्जीवाले ने बताया कि शुरू में पचास युवा मजार के पास पहुंचे, बाद में इनकी संख्या 200 के करीब पहुंच गई. तब दोपहर के करीब 12 बज रहे होंगे. माहौल बिगड़ता देख करीब 12:30 बजे पुलिस वहां पहुंची, लेकिन इसके बाद भी हमें नमाज नहीं पढ़ने दी गई. इस तरह रमजान के पहले जुमे के दिन हम नमाज नहीं पढ़ सके.

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हालंकि ये पहली बार नहीं है कि मुस्लिमों के साथ ऐसा किया गया हो. इससे पहले साल 2013 में गांव के हिंदुओं ने मुस्लिमों पर जुम्मे की नमाज के लिए गांव के बाहर से किसी मौलवी या इमाम को बुलाएं जाने पर रोक लगा दी.

ऐसे में मुस्लिमों का नमाज पढ़ना ही बंद हो गया था. हालांकि साल 2014 में नमाज फिर से शुरू हुई. हालंकि एक बार फिर से वहीँ हालात बन गए है. गांव के ही एक निवासी ने बताया, ‘हम अपनी धार्मिक आस्था की आजादी चाहते हैं. नमाज पढ़ने की आजादी चाहते हैं. हम इसके अलावा कुछ नहीं चाहते.

उन्होंने कहा कि हमारे बच्चे और हमारी पत्नियां हमारे लिए डरते हैं. अगर यहां का माहौल और भी बदतर हो जाता है तो हम गांव छोड़ देंगे और कहीं चले जाएंगे. इसके अलावा हमारे पास अन्य विकल्प क्या है?’

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