गुर्जर समाज की और से वसुंधरा सरकार को दी गई जयपुर मे सात जुलाई को प्रस्तावित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा के विरोध की धमकी के बाद राजस्थान सरकार ने आज अति पिछड़ा वर्ग के तहत आने वाली गुर्जर समेत पांच जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी के अंतर्गत 21 फीसदी आरक्षण दे दिया।
कार्मिक विभाग की ओर से सोमवार को एक आदेश जारी किया गया है। इसके साथ ही एक जुलाई की तारीखवाले इस आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अति पिछड़ा वर्गों को अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत 21 फीसदी आरक्षण का अधिकार है।
अति पिछड़ा वर्ग के तहत पांच जातियां पहली बंजारा/बालदिया/लबाना और दूसरी लोहार/गदालिया तीसरी गुर्जर चौथी राइका/रेबारी और पांचवीं गडरिया जिन्हें वर्ष 1994 से अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल किया गया था।
शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में भर्तियों के लिए जारी दो अलग अलग आदेशों में कहा गया है कि अति पिछडा वर्ग के अभ्यर्थी को सामान्य वर्ग में मेरिट के आधार पर प्रवेश अथवा नियुक्ति नहीं होने की स्थिति में, पहले तो अन्य पिछड़ा वर्ग में 21 फीसदी आरक्षण के तहत प्रवेश या नियुक्ति के लिए विचार किया जायेगा। उसके बाद इन अभ्यर्थियों को अति पिछड़ा वर्ग के लिये निर्धारित एक प्रतिशत आरक्षण के लिये विचार किया जायेगा।
आदेश में ये कहा गया है कि सरकार के ध्यान में यह बात आई है कि अति पिछड़ा वर्गों को केवल अति पिछड़ा वर्ग आरक्षण के लिए समझा जा रहा है और आरक्षण के लिए तय दिशानिर्देशों का समुचित पालन नहीं किया जा रहा है। राज्य सरकार ने गत 21 दिसम्बर 2017 को गुर्जरों को अति पिछड़ा वर्ग के तहत एक प्रतिशत आरक्षण देने की अधिसूचना जारी की थी।