गुजरात हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए 19 साल की हिंदू लड़की को उसके 20 वर्षीय मुस्लिम बॉयफ्रेंड के साथ लिव-इन में रहने अनुमति प्रदान की हैं. हालांकि दोनों अभी शादी नहीं कर सकते क्योंकि लड़के की आयु शादी के लिए तय उम्र से कम है.
दरअसल एक प्रेमी जोड़ें ने फ्रेंडशिप अग्रीमेंट के लिए अप्लाई किया था. गुजरात में लिव-इन-रिलेशनशिप को औपचारिक रूप देने के लिए यह अग्रीमेंट किया जाता हैं. इसी बीच लड़की के माता-पिता सितंबर में उसे जबरदस्ती अपने घर ले गये और उसे घर में ही नजरबंद कर दिया.
लड़की की माता-पिता के इस फैसले के बाद लड़के ने हाईकोर्ट में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल कर कहा कि उसकी गर्लफ्रेंड को उसके माता-पिता ने बंदी बना रखा है. कोर्ट के आदेश पर बनासकांठा पुलिस लड़की को कोर्ट लेकर पहुंची.
लड़की ने अदालत को बताया कि वह उसके माता-पिता के साथ नहीं रहना चाहती ड़की ने बताया कि जैसे ही उसके बॉयफ्रेंड की उम्र 21 साल हो जाएगी, वे दोनों शादी करना चाहते हैं. ऐसे में कोर्ट ने लड़के को एक ऐफिडेविट जमा कराने को कहा है, जिसमें यह लिखा हो कि वह जैसे ही 21 साल का हो जाएगा, लड़की से शादी करेगा.