साल 2002 के अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी समेत 69 मुस्लिम लोगों की हत्या करने के मामले में गुजरात सरकार हाईकोर्ट में अपील नहीं करेगी.
गुजरात सरकार ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ विशेष जांच दल (एसआईटी) की हाईकोर्ट जाने की अपील को अनुमति देने से इनकार कर दिया है. साल 2008 में मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसआईटी का गठन किया गया था. इस एसआईटी को हर 3 महीने पर सुप्रीम कोर्ट को मामले की प्रगति रिपोर्ट देनी होती है.
एसआईटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हमें पिछले महीने राज्य सरकार की ओर से एक पन्ने का आदेश मिला, जिसमें उन्होंने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट जाने की इजाज़त देने से इनकार कर दिया. यह आदेश गुजराती में था, जिसमें अवर सचिव के दस्तखत थे, साथ ही कहा गया था कि सरकार को (निचली अदालत) का निर्णय स्वीकार है और हाईकोर्ट में अपील करने का कोई आधार नहीं है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘कानूनन राज्य सरकार ही वादी है और बिना इसकी इजाज़त के एसआईटी अकेले हाईकोर्ट नहीं जा सकती. हम इस महीने के आखिर में राज्य सरकार का निर्णय सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट में बता देंगे. साथ ही हमें हाईकोर्ट के जजों को भी सूचित करना होगा कि हम अपील दायर नहीं करेंगे.’
ध्यान रहे 28 फरवरी, 2002 को हुए इस भीषण हत्याकांड में अहमदाबाद की विशेष अदालत ने 64 अभियुक्तों में से 11 दोषियों को उम्रक़ैद की सजा सुनाई हैं साथ ही 12 दोषियों को सात साल के जेल कारावास की दी है. इसके अलावा एक दोषी को को 10 साल की क़ैद की सज़ा सुनाई गई है. बाकि सभी को बरी कर दिया है.