बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम का मामला अभी थमा नहीं था कि उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। जिले के मां विन्ध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं सामाजिक सेवा संस्थान में बच्चियों से यौन उत्पीड़न का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है।
रविवार शाम शेल्टर होम से भागी 10 साल की मासूम ने महिला थाना पहुँच कर पूरे राज का पर्दाफाश किया। जिसके बाद एसओ ने तत्काल एसपी को इसकी सूचना दी। एसपी रोहन पी कनय हरकत में आए और पुलिस फोर्स भेजकर मां विन्ध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं सामाजिक सेवा संस्थान पर छापेमारी करवाई। जिसमें 42 लड़कियों में से 24 लडकियों को छुड़ाया गया और संस्था की संचालिका, उसके पति और बेटे को गिरफ्तार किया।
पीड़िता ने बताया कि शेल्टर होम के पीछे वाली गली में चार पहिया गाड़ी शाम को 4 बजे आकर रुकती थी। उसके बाद उसमें संरक्षण गृह की बड़ी दो लड़कियों को भेजा जाता था। उनके साथ छोटी बच्चियां भी भेजी जाती थी। सभी लोग सुबह 6 बजे के करीब वापस लौटते थे। सुबह उनके हाथों 500 से 1500 रुपए तक दिए जाते थे।
One of the girls escaped from the shelter home, came to us & said they are treated like servants. She also said that cars come to pick girls above 15 years old & the girls come crying the next day. Investigation is underway: Superintendent of Police Rohan P Kanay pic.twitter.com/nJyjpl0mxz
— ANI UP (@ANINewsUP) August 5, 2018
पीड़िता के मुताबिक, “महीने में 5-6 बार उन्हें बड़ी दीदियों के साथ गोरखपुर भेजा जाता था। जहां उनके साथ गलत काम किया जाता था. गोरखपुर में एक कमरे पर उन्हें ले जाया जाता था, जहां और भी बड़ी लड़कियां होती थीं। वहां लड़के भी होते थे। गोरखपुर ले जाने से पहले लड़कियों को सजा-धजाकर तैयार भी किया जाता था।”
इस मामले पर डीपीओ देवरिया का कहना है कि मां विन्ध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं सामाजिक सेवा संस्थान के खिलाफ अनिमियता पाई गई थी। उसके आधार पर इनकी मान्यता स्थगित कर दी गई थी। शासन से एक आदेश हुआ था कि सभी बच्चों को यहां से ट्रांसफर किया जाये, लेकिन बच्चों को जबरदस्ती अवैध तरीके से यहां रखा गया।