रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में लाकॅडाउन के दौरान पत्रकारों को आदिवासियों के पत्तों का मास्क पहनने की खबर को कवर करना महंगा पड़ गया। दरअसल पुलिस ने इन पत्रकारों के खिलाफ धारा 144 का उलंघन करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है।
कांकेर के आमाबेड़ा पुलिस थाने में पत्रकारों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 और 34 के तहत जुर्म दर्ज किया गया है। जबकि बिलासपुर के सिविल लाइन थाने में कांग्रेस विधायक शैलेष पांडेय के खिलाफ आईपीसी की धारा 144 के तहत जुर्म दर्ज किया गया है।
बताया जा रहा है कि कांकेर ज़िले के अंतागढ़ के कुछ गांवों में पिछले दिनों जब एक बैठक बुलाई गई तो आदिवासी वहां पत्तों से बनाए मास्क पहनकर पहुंच गए। बताया गया कि वहां मेडिकेटेड मास्क नहीं पहुंचा है। इसलिए कोरोना संक्रमण से बचने के लिए आदिवासियों ने ये देशी तरीका अपनाया है। भर्रीटोला गांव में इसी खबर की कवरेज पत्रकारों ने की। इन्हीं पत्रकारों के खिलाफ जुर्म दर्ज कर लिया गया है।
कांकेर के एसपी एमआर अहिरे ने बताया कि आमाबेड़ा क्षेत्र के नयाब तहसीलदार की लिखित शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। शिकायत के मुताबिक कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए धारा 144 लगी है। इसी दौरान एक गांव में कुछ पत्रकार कवरेज के लिए गए थे। तहसीलदार की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। अभी कोई आगे की कार्रवाई नहीं हुई है, उन्हें भी पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। मामले की जांच की जा रही है। जिले में धारा 144 के उलंघन के और भी मामले दर्ज किए गए हैं।
बिलासपुर सिविल लाइन पुलिस थाने के प्रभारी परिवेश ने बताया कि रविवार की सुबह विधायक शैलेष पांडेय के यहां काफी भीड़ इकट्ठा थी. वे वहां धारा 144 का उलंघन कर राशन बांट रहे थे। ऐसे में उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत जुर्म दर्ज किया गया है। जांच की जा रही है।