कर्नाटक में 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव को सांप्रदायिक रूप देने के मामले में भारतीय जनता पार्टी के विधायक के खिलाफ धार्मिक आधार पर द्वेष बढ़ाने का मामला दर्ज कर लिया गया है.
कर्नाटक की करकला सीट से बीजेपी विधायक सुनील कुमार ने बंतवाल सीट पर होने वाले आगामी चुनाव को अल्लाह और राम के बीच मुकाबला बताया था. उन्होंने कहा था, ‘यह चुनाव हिंदू भगवान और मुस्लिम खुदा के बीच का चुनाव है। यह श्रीराम और अल्लाह के बीच का चुनाव है, अब हिंदू यह तय करें कि क्या अल्लाह जीतते हैं या फिर श्रीराम के दोस्त जीतते हैं.’
दरअसल बंतवाल सीट से विधायक और मंत्री रामनाथ राय ने हाल ही में कहा था कि, बंतवाल से अगर मुझे छह बार विधायक बनने का अवसर मिला तो यह अल्लाह और मुसलमानों के धर्मनिरपेक्ष सोच की वजह से संभव हुआ. इस चुनाव में बीजेपी की तरफ से राजेश नायक और कांग्रेस की तरफ से बी रामनाथ राय ही प्रमुख प्रत्याशी हैं.
सुनील कुमार ने इस मामले को अस्मिता से जुड़ा बताया और कहा, ‘हम वैसे शख्स को नहीं चुन सकते हैं कि जो कहता है कि उसे हिन्दू वोटों की परवाह नहीं है. उन्होंने कहा कि यह ऐसा मुद्दा नहीं है जिसके बारे में सिर्फ बंटवाल में चर्चा होनी चाहिए, बल्कि ये पूरे मंगलौर का अहम मुद्दा है.
वहीँ कांग्रेस के विधायक ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘चर्चा इस विषय पर होनी चाहिए कि मैंने अपने क्षेत्र के लिए क्या काम किया है. बीजेपी हमेशा से ही कट्टरता को सपॉर्ट करती है, उन्हें (सुनील) को इस तरह से नहीं बोलना चाहिए था. उनके बयान का क्या मतलब है. हम तो गांधीजी द्वारा कहे गए ‘ईश्वर अल्लाह तेरो नाम’ में विश्वास करते हैं. हमारा संविधान यह स्पष्ट करता है कि चुनाव बगैर धार्मिक हस्तक्षेप के संपन्न होना चाहिए.’