सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद सलमान की अगुवाई में किये जा रहे सामजिक सुधारों के खिलाफ भारत के देवबंदी उलेमाओं ने फतवा जारी कर मुस्लिम महिलाओं का फुटबॉल मैच देखना हराम करार दिया है.
ध्यान रहे हाल ही में जेद्दाह के स्टेडियम में मुस्लिम महिलाओं को फुटबॉल मैच देखने की अनुमति दी गई थी. इसके अलावा बीते जून महीने से महिलाओं को पहली बार कार चलाने की इजाज़त दी गई. साथ ही पहली बार सऊदी अरब में सिनेमा घरों को भी खोलने की अनुमति दी गई.
दरअसल सऊदी अरब में धार्मिक मामलों के जानकार मुफ्ती साद हिजरी से किसी व्यक्ति ने सवाल पूछा कि क्या मुस्लिम महिलाओं का पुरुषों का फुटबॉल मैच देखना जायज है. इस पर मुफ्ती साद ने फतवा दिया कि ये महिलाओं के लिए हराम है. तर्क भी दिया कि मैच के दौरान महिलाओं की नजर खिलाड़ियों की जांघों पर पड़ती है, जिन्हें देखना हराम है.
इस पर जब फतवा ऑनलाइन के चेयरमैन मौलाना मुफ्ती अरशद फारुकी से पूछा गया तो उन्होंने सऊदी अरब से जारी फतवे को सही बताया, साथ ही कहा कि सऊदी अरब को धार्मिक मामलों के नजरिये से पूरी दुनिया में देखा जाता है. इसलिए सऊदी क्राउन मोहम्मद बिन सलमान को चाहिए कि वे वहां की परंपराओं को बरकरार रखें और कोई भी ऐसी नई परंपरा न बनाएं जिससे पूरी दुनिया में उस पर चर्चा हो.