कासगंजः गणतंत्र दिवस के मौके पर फैली हिंसा में मारे गए चंदन गुप्ता की हत्या के आरोप में जेल में बंद नसरुद्दीन की पत्नी और अकरम की मां हसीन बानो की मौत हो गई.
परिजनों का कहना है कि हसीन बानो की सदमे से मौत हुई है. दरअसल, हसीन बानो अपने पति और बेटे का नाम दंगे में शामिल होने के बाद से परेशान थी, जिसके बाद उसकी तबियत बिगड़ने लगी. जिसके बाद उन्हें गुरुवार को इलाज के लिए अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
रिश्तेदारों की मांग पर जेल में बंद नसरुद्दीन और उसके बेटे अकरम को पैरोल पर सुरक्षा के बीच कब्रिस्तान में कुछ देर के लिए लाया गया है. इस दौरान जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए. शव को दफनाने के बाद उन्हें वापस जेल भेज दिया गया.
ध्यान रहे पश्चिमी यूपी के कासगंज में 26 जनवरी को विश्व हिन्दू परिषद और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोगों ने तिरंगा यात्रा निकाली और जबरन एक समुदाय विशेष के मोहल्ले में हंगामा किया. इसके बाद लोगों ने बाइक पर निकली तिरंगा यात्रा पर पथराव किया और हिंसा भड़क गई.
इस हिंसा में चंदन नाम के युवक की मौत हो गई, जबकि अकरम की आंख चली गई. चंदन की अंत्योष्टि से वापस आ रहे लोगों ने कासगंज में जमकर बवाल किया. प्रशासन की नाक के नीचे दुकानों और बसों में आग लगाई गई. तीन दिन तक कासगंज सांप्रदायिक हिंसा की आग में जलता रहा.