दलित का गेहूं पिसने से हो गई चक्की अशुद्ध, इसलिए दराती से दलित की गरदन काट डाली

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देश को आजादी मिलें 70 बरस होने वालें हैं लेकीन दलितों को सदियों से हो रहें अत्याचार से मुक्ति नहीं मिल पाई हैं. आज भी दलितो को ऊँची जाति के लोगों का जुल्म सहना पड़ रहा हैं. उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में एक दलित युवक की इसलिए जान ले ली गई क्योंकि उसने उस चक्की में गेहूं पिसवाया था जहाँ ऊँची जाति के लोगों का भी गेंहू पिसता था.

प्राप्त जानकरी के अनुसार कांदा तहसील क्षेत्र के करडिया गांव के सोहन राम करीब की एक चक्की पर गेंहू पिसवाने गए थे. इसी दौरान आरोपी ललित कर्नाटक भी गेहूं पिसाने चक्की पर आयें. सोहन राम को चक्की पर देख उन्होंने सोहन राम के साथ जातिसूचक शब्दों में गालियाँ देना शुरू कर दी. साथ ही उसने कहा ‘इन दिनों नवरात्रि में तूने हमारी चक्की को भी अशुद्ध कर डाला’

दोनों में बहस बढ़. इसी दौरान  सोहन राम अपने पीसे हुए गेहूं को ले जाने के लिए थैले को बांधने झुका तो ललित कर्नाटक ने चक्की के पास रखी दराती से उसकी गरदन पर हमला कर  दिया. जिसे सोहन राम की मौके पर ही मौत हो गई. ललित कर्नाटक पेशे से प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं.

पुलिस ने ललित कर्नाटक को धारा 302 और 506 समेत एससी/एसटी ऐक्ट के अंतर्गत उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज क गिरफ्तार कर लिया. घटना के बाद चक्की चलाने वाला कुंदन सिंह डर की वजह से भाग गया.

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