गुजरात में एक बार फिर से ऊना कांड की तरह एक मामला सामने आया है। गांधीनगर के मनसा तालुका के एक गांव में मरी गाय उठाने से मना करने पर दलित मां-बेटे को घर में घुसकर पीटा गया। पुलिस ने आरोपी सुरेश सिंह चावड़ा को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि आरोपी अगले ही दिन जमानत पर रिहा हो गया।
मनसा थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक ये घटना गांधीनगर के मनसा तालुका के रंगपुर गांव में हुई। पीड़ित की पहचान 55 वर्षीय रंजन परमार और 25 वर्षीय कुलदीप परमार के रूप में हुई। पीड़ित परिजनों ने तीन अगस्त को चावड़ा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। इसके अगले ही दिन यानी चार अगस्त को मामले में एक नई एफआईआर एससी-एसटी एक्ट के तहत भी दर्ज की गई।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 323 (जानबूझकर किसी को पीड़ा पहुंचाना, मारपीट करना) और धारा 504 (आपराधिक षडयंत्र) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस को दिए बयान में पीड़ित महिला ने बताया कि शराब पीकर चावड़ा उसके घर में जबरन घुस आया और जातिसूचक गालियां देने लगा। इसके बाद वो मारपीट करने लगा। ऐसा होता देख पड़ोसियों ने बीच बचाव किया और हमारी जान बचाई।
बता दें कि गुजरात में आए दिन दलितों पर अत्याचार के मामले सामने आते रहते है। ऐसे में अब बड़ी संख्या में दलित समुदाय के लोग बौद्ध धर्म अपना रहे है।