उत्तरप्रदेश के बागपत जनपद में चार दलित परिवारों के दर्जन भर लोगों ने हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया है। इन सभी ने छुआछूत व ऊंच- नीच की बातों से तंग आकर हिन्दू धर्म को त्यागा है।
जानकारी के अनुसार, अमीनगर सराय में सिंघावली अहीर गांव के आधा दर्जन दलित परिवारों को बौद्ध संत प्रियंतीस भंते ने दीक्षा दी। इतना ही नहीं सभी को धर्मपरिवर्तन के प्रमाणपत्र भी सौंपे गए।
धर्म परिवर्तन करने की सूचना के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मंच गया। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची ओर धर्म परिवर्तन करने की असल वजह तलाशने का पता कर रही है। पुलिस का कहना है कि दलितों ने अपनी मर्जी से बौद्ध धर्म अपनाया है। उन पर किसी का कोई दबाव नहीं है।
धर्म परिवर्तन करने वाले मुन्ना लाल, बाबू, अजीत, अजय, मोनू, सोनू ने कहा कि समाज पर हर रोज अत्याचार हो रहे हैं। आज भी उन्हें छूआछूत की नजरों से देखा जाता है। कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं होती। ऊंची जाति के लोग उन्हें हीन भावना से देखते हैं।
उन्होने कहा, हर जगह केवल उनका इस्तेमाल किया जाता है। चाहे चुनाव हो या दंगा। अब वह इन घृणाभरी जिंदगी से ऊपर उठकर अपने समाज को नए मुकाम तक पहुंचाएंगे। अभी तक छह परिवार ने बौद्ध धर्म अपनाया है। पूजा पाठ से भी मोह भंग हो गया है। इसके लिए गांव में अपने सभी समाज के लोगों को इसके लिए प्रेरित किया जाएगा।